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MCD: दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति पर कब्जा करने के लिए आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों दल अपनी अपनी अंदरूनी तैयारी में जुटे हुए हैं। स्थायी समिति के अध्यक्ष पद पर किसका कब्जा होगा, यह गुरुवार यानी 26 सितंबर होने वाले स्थायी समिति के एक सदस्य के चुनाव से साफ हो सकता है।

बता दें कि इस वर्ष चार सितंबर को दिल्ली नगर निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच दिल्ली नगर निगम के 12 जोनों की वार्ड समितियों और हर जोन वार्ड समिति से स्थायी समिति के एक सदस्य का गुप्त मतदान से चुनाव शांतिपूर्वक सम्पन्न हो गया था। 12 जोन के इस चुनाव में भाजपा ने सात जोन और आप ने पांच जोन पर जीत हासिल की।

हालांकि, इस चुनाव से पहले स्थायी समिति में तीन सदस्य आम आदमी पार्टी के हैं और भाजपा के दो सदस्य हैं, क्योंकि तीन में से एक सदस्य कमलजीत सहरावत अब सांसद हैं। यदि कुल आंकड़ा देखा जाए तो भाजपा 9 पर और आप 8 पर है। इस खाली हुई एक सीट पर कल, यदि आम आदमी पार्टी से पार्षद चुनाव जीत जाती है, तो फिर आम आदमी पार्टी और भाजपा के स्थायी समिति में 9-9 सदस्य हो जाएंगे और इसके बाद स्थायी समिति में अध्यक्ष पद के लिए एकमात्र पर्ची से ही निर्णय संभव हो पाएगा कि किसके हक में पर्ची जाती है और किस दल का स्थायी समिति पर कब्जा होगा।

भाजपा नहीं चाहती, पर्ची से हो चुनाव

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय आने के बाद निगम में जोन अध्यक्ष का पद पाने के लिए पार्षदों ने बार-बार दल बदलने तक भी परहेज नहीं किया, तो इस बार भी दोनों दल चाहेंगे कि वोट उनके पक्ष में पड़े। लेकिन, देखा जाए तो आम आदमी पार्टी में भी कुछ ऐसे पार्षद हैं जो क्रॉस वोट कर सकते हैं।

वहीं, सूत्रों का कहना है कि भाजपा स्थायी समिति के लिए उनके नाम की पर्ची निकलने पर निर्भर नहीं रहना चाहेगी। निगम में इस समय कुल निगम पार्षदों की संख्या 249 है। इनमें से भाजपा के 112 और आम आदमी पार्टी के 128 निगम पार्षद शामिल हैं। कांग्रेस के निगम पार्षदों की संख्या 9 है। अब देखना हैं कि एक रात बीच में हैं और दोनों दल अपने पक्ष में क्या क्या रणनीति अपनाते हैं।

क्रॉस वोट करने वालों पर भाजपा की नजर

सूत्रों का कहना है कि वार्ड समिति और स्थायी समिति सदस्य के लिए भाजपा के हक में क्रॉस वोटिंग करने वाले निगम पार्षदों और उनके साथियों को भी साधने की कोशिश भाजपा कर रही है। बता दें कि गत दिनों हुए वार्ड समिति चुनाव के दौरान साउथ जोन में भाजपा के हक में चार निगम पार्षदों और शाहदरा नॉर्थ जोन और नरेला जोन में एक-एक निगम पार्षद ने क्रॉस वोटिंग की थी। हो सकता है कि इससे भाजपा को लाभ मिल सके।

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सांसद, विधायक और मनोनीत सदस्य नहीं कर सकेंगे मतदान

निगम सचिवालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्थायी समिति के लिए सदन से छठे सदस्य के चुनाव में 10 सांसद और 14 विधायक और दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा 10 मनोनीत सदस्य मतदान नहीं करेंगे।