Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो रेल निगम डीएमआरसी ने दिल्ली मेट्रो की सबसे पुरानी लाइन (रिठाला-शहीद स्थल नया बस अड्डा गाजियाबाद) पर मेट्रो का परिचालन करने की जिम्मेदारी निजी हाथों में सौंपने की योजना बना रही है।
ग्रीन और वायलेट लाइन के लिए भी योजना बनाई
इसके साथ ही DMRC ने ग्रीन लाइन (कीर्ति नगर-इंद्रलोक-बहादुरगढ़) मेट्रो का परिचालन करने की जिम्मेदारी निजी हाथों में सौंपने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की है। हाल ही में दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने वायलेट लाइन (कश्मीरी गेट-बल्लभगढ़) पर भी ऐसी व्यवस्था लागू करने की योजना बनाई है। ऐसे में इस साल दिल्ली के चार कॉरिडोर के 159.72 किलोमीटर नेटवर्क पर मेट्रो परिचालन की जिम्मेदारी निजी कंपनियों के हाथ में चली जाएगी।
रेड लाइन पर मेट्रो का परिचालन निजी कंपनी करेगी
वर्तमान समय में सिर्फ येलो लाइन पर ही मेट्रो के परिचालन की जिम्मेदारी निजी कंपनी के हाथ में है। डीएमआरसी ने तीन महीने पहले यानी पिछले साल अक्टूबर में रेड लाइन पर परिचालन करने की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को सौंपने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी थी। लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से DMRC ने इसे रोक दिया था। वहीं, 2 जनवरी को DMRC ने इस कॉरिडोर पर मेट्रो का परिचालन करने की जिम्मेदारी निजी हाथों में सौंपने के लिए दोबारा टेंडर दिया है।
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रेड लाइन के लिए चालकों की होगी नियुक्ति
डीएमआरसी रेड और ग्रीन लाइन पर 6 साल के लिए मेट्रो परिचालन करने की जिम्मेदारी निजी एजेंसियों को देगा। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने पर निजी एजेंसी रेड लाइन के लिए 221 चालक, 7 ट्रेन अधीक्षक और एक ट्रेन प्रबंधक की नियुक्ति करेगा।
ग्रीन लाइन की मेट्रो में 143 चालक, 7 ट्रेन अधीक्षक और 1 ट्रेन प्रबंधन नियुक्त करेगी। इन सभी कर्मचारियों को डीएमआरसी ट्रेनिंग देगी। उम्मीद है कि इस साल अक्टूबर- नवंबर तक निजी एजेंसी द्वारा कर्मचारी नियुक्त होंगे।
डीएमआरसी योजना पर 65 करोड़ रुपये का खर्च करेगी
इन दोनों कॉरिडोर पर मेट्रो परिचालन करने की जिम्मेदारी निजी एजेंसी संभाल लेंगी। इस परियोजना पर डीएमआरसी लगभग 65 करोड़ रुपये खर्च करेगी। वहीं, वायलेट लाइन पर सितंबर महीने से निजी एजेंसी परिचालन करने की जिम्मेदारी संभालेगी।