Delhi: दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बुधवार को आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार और नगर निगम की लापरवाही से दिल्ली में डेंगू से 19 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने ने मांग की है कि सरकार की लापरवाही के कारण हुई इन मौतों के कारण प्रत्येक मृतक के परिजन को दस लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए और जिसने भी रिपोर्ट को रोकने का आदेश दिया था, उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए।
दिल्ली सरकार की लापरवाही से गई जान- बिधूड़ी
बिधूड़ी ने कहा कि पारदर्शिता की दुहाई देने वाली दिल्ली सरकार ने जनता से इस सच्चाई को छुपाए रखा कि दिल्ली में डेंगू इतने भयंकर रूप से फैला हुआ है कि लगातार मौतें हो रही हैं। न तो जनता को सावधान किया गया और न ही अस्पतालों में इंतजाम किए गए। कोरोना के बाद एक बार फिर दिल्ली की जर्जर स्वास्थ्य सेवाओं का खुलासा हो गया है।
बिधूड़ी ने कहा कि घटिया दवाओं की सप्लाई और मोहल्ला क्लीनिकों की बदइंतजामी के खुलासे के बीच अब जो जानकारी आई है, वह बड़ी चौंकाने वाली है। दिल्ली नगर निगम में सत्ता पर काबिज होने के बाद आम आदमी पार्टी ने डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की जानकारी देने वाली साप्ताहिक रिपोर्ट को जारी करने पर रोक लगा दी थी। भाजपा ने यह मामला जोर-शोर से उठाया था कि ये रिपोर्ट जारी करना बंद क्यों किया गया है, लेकिन उसके बाद भी रिपोर्ट जारी नहीं की गई। अब यह रिपोर्ट आई है कि पिछले साल 31 दिसंबर तक दिल्ली में डेंगू के ही 9266 मरीज दाखिल हुए और 19 लोगों की मौत हो गई।
साल 2015 के बाद डेंगू से मौत का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। 2015 में 16 हजार केस आए थे और 60 मौतें हुई थीं। वह भी आम आदमी पार्टी सरकार की लापरवाही का नतीजा था। 2021 में 23 मौतें हुईं और इस बार 19 मौतें हुई हैं। बिधूड़ी ने कहा कि अगर साप्ताहिक रिपोर्ट जारी होती, तो जनता को यह पता रहता कि दिल्ली में डेंगू कितने घातक रूप में फैला हुआ है।