International Trade Fair: भारतीय रिजर्व बैंक साइबर ठगी की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर यहां आयोजित अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में लोगों को इस समस्या के प्रति ‘मैजिक शो’ के जरिए जागरूक कर रहा है। भारत मंडपम परिसर में आयोजित 43वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में आरबीआई ‘मैजिक शो’ के अलावा दो पुस्तकों और पर्चों को वितरित कर लोगों को न सिर्फ जागरूक कर रहा है, बल्कि उन्हें इससे बचने के उपाय भी बता रहा है।

इस साल में धोखाधड़ी के कितना मामले

भारत मंडपम परिसर में आयोजित व्यापार मेले के हॉल संख्या तीन में स्थित आरबीआई के स्टॉल पर जादूगर के.एस गोगा रोजाना अपनी प्रस्तुतियों के जरिए लोगों को डिजिटल-लेनदेन को लेकर साक्षर कर रहे हैं। सूचना के अधिकार (आरटीआई) आवेदन के जवाब में आरबीआई ने हाल ही में बताया था कि वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2024 के बीच देश भर में साइबर धोखाधड़ी के 5,82,000 मामलों के कारण 3,207 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। गोगा ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें आरबीआई ने जादू प्रस्तुतियों के माध्यम से लोगों को वित्तीय और डिजिटल रूप से साक्षर करने का काम सौंपा है।

धोखाधड़ी संबंधी संदेश को कर दें डिलीट

उनके मुताबिक, ये प्रस्तुतियां लोगों को काफी आकर्षित करती हैं, इसलिए यहां लोगों की भीड़ लग जाती है। उन्होंने कहा कि वह अपने शो के दौरान एक बोतल को गायब करते हैं और फिर वह बोतल मोबाइल फोन बनकर निकलती है जिसके बाद वह लोगों से कहते हैं कि यह मोबाइल नहीं है, बल्कि आपका बटुआ, आपका बैंक है जो आपकी जेब में है। उन्होंने कहा कि हम आजकल काफी लेनदेन मोबाइल फोन के जरिए करते हैं। इसलिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे कोई धोखाधड़ी संबंधी कॉल आती है, तो फोन करने वाले शख्स से बात न करें और कॉल काट दें, धोखाधड़ी संबंधी संदेश आए तो उसे डिलीट कर दें।

ओटीपी पूछकर निकाल लेते हैं पैसे

ऐसे लोगों की बातों में फंस कर आप बैंक खाते का विवरण देते हैं तो आप ठगी का शिकार हो सकते हैं। गोगा ने कहा कि आरबीआई ने उन्हें यह बताने का निर्देश दिया है कि ठग पैसा भेजने के नाम पर ‘वन टाइम पासवर्ड’ (ओटीपी) पूछते हैं, लेकिन पैसा निकाल लेते हैं। वहीं, आरबीआई की एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय बैंक साइबर धोखाधड़ी से लोगों को बचाने के लिए अलग-अलग तरह से जागरूक करता रहता है। उनके मुताबिक, आरबीआई व्यापार मेले में अपने स्टॉल पर ‘मैजिक शो’ के आयोजन और दो पुस्तिकाओं तथा पर्चों के वितरण से लोगों को साइबर ठगी को लेकर जागरूक कर रहा है।

इन किताबों में है बचने के उपाय

उन्होंने बताया कि ‘वित्तीय धोखेबाजों की कार्य-प्रणाली’ नामक किताब और ‘वित्तीय जालसाजों की कार्यप्रणाली’ पर कॉमिक पुस्तक को यहां आने वाले लोगों को मुफ्त वितरित किया जा रहा है। उनके मुताबिक, क्रमश: 35 और 80 पन्नों की इन किताबों में ठगों द्वारा अपनाए जाने वाले तरीकों और उनसे बचाव के तरीकों को बताया गया है।  अधिकारी ने बताया कि जब से मेला शुरू हुआ है तब से रोजाना औसतन करीब 250-250 किताबों का वितरण किया जा रहा है।  इसके अलावा जो लोग अपनी समस्या लेकर आ रहे हैं, उनका भी मार्गदर्शन किया जा रहा है।

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