Delhi Pollution: दिल्ली में सर्दी बढ़ने के साथ ही वायु प्रदूषण बढ़ने लगता है। इसके कारण दिल्ली-एनसीआर में रह रहे लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। इस साल प्रदूषण के कारण स्थिति इतनी ज्यादा खराब है कि एक्यूआई लेवल 500 पार हो चुका है, जो अब तक अधिकतम रहा है। लोगों पर इसका खतरनाक असर पड़ रहा है। लोगों को स्वास्थ्य संबंधी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर एक सर्वे किया गया, जिसमें लोगों से बातचीत कर इस बात का पता लगाया गया कि उनके घरों में कोई-न-कोई प्रदूषण के कारण बीमार रहता है। 

21,000 से ज्यादा लोगों पर सर्वे

दिल्ली के हालात ये हैं कि दिल्ली के अधिकतर परिवारों में कोई न कोई व्यक्ति प्रदूषण के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा है। हाल ही में एक सर्वे रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें खुलासा किया गया है कि दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के 21,000 से अधिक लोगों से प्रदूषण मामले में बातचीत की गई। इनमें 37 फीसदी महिलाएं और 63 फीसदी पुरुष थे।

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इन परेशानियों का कर रहे सामना

ऑनलाइन कम्युनिटी प्लेटफॉर्म लोकल सर्किल्स ने दावा किया है कि सर्वे में शामिल दिल्ली-एनसीआर के 58 फीसदी परिवारों ने प्रदूषण के स्तर के बढ़ने से सिरदर्द, गले में खराश, आंखों में जलन का अनुभव किया है। 50 फीसदी लोगों ने कहा कि उनके परिवार का कोई न कोई सदस्य सांस लेने में कठिनाई का सामना कर रहा है या अस्थमा से जूझ रहा है।

खानपान में एहतियात

लोगों से बात पूछा गया कि वो प्रदूषण से लड़ने के लिए क्या करते हैं, तो 27 फीसदी लोगों ने बताया कि वे प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं 23 फीसदी लोगों ने कहा कि वो प्रदूषण से लड़ने के लिए कुछ नहीं कर रहे। वहीं कुछ लोगों ने कहा कि वे लोग प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए खानपान में एहतियात बरत रहे हैं। इस सर्वे में कहा जा रहा है कि 01 नवंबर 2024 तक प्रदूषण से घर में किसी न किसी के बीमार रहने का आंकड़ा 69 फीसदी था, जो 19 नवंबर तक बढ़कर 75 फीसदी हो गया। 

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