Kalkaji Assembly Seat: दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट पर भाजपा के रमेश बिधूड़ी और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना के खिलाफ आम जनता पार्टी से चुनाव लड़ने वाले ट्रांसजेंडर प्रत्याशी राजन सिंह ने अपनी जान को खतरा बताते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी सुरक्षा से संबंधित याचिका दायर की है। इस याचिका में ट्रांसजेंडर राजन सिंह ने व्यक्तिगत सुरक्षा मुहैया कराने की अपील की। सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। इस मामले में हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है और उनसे सुरक्षा संबंधी रिपोर्ट मांगी है। 

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ट्रांसजेंडर प्रत्याशी राजन सिंह ने हाईकोर्ट में दी याचिका

राजन सिंह ने अदालत में याचिका दी कि उनकी जान को खतरा है और इसके लिए उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए। उन्होंने बताया कि हाल ही में उन्हें धमकी भरे कॉल आए हैं और उनके नामांकन पत्र को भी फाड़ दिया गया था। उन्होंने कहा कि इसके बाद मैंने चुनाव आयोग जाकर नामांकन किया, जिसे स्वींकार कर लिया गया है। राजन ने बताया कि वो विधानसभा चुनाव लड़ने वाला इकलौते ट्रांसजेंडर हैं और उनकी सुरक्षा को खतरा है। विधानसभा चुनाव तक के लिए उन्हें सुरक्षा दी जाए। भले ही चुनाव खत्म होने के बाद सुरक्षा हटा ली जाए। 

हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दिए निर्देश

वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है और संबंधित डीसीपी को 4 दिन के अंदर राजन सिंह की 'थ्रेट परसेप्शन असेसमेंट' करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई करने के लिए 27 जनवरी का समय निर्धारित किया है। वहीं अब दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भी ज्यादा समय नहीं बचा है। पांच फरवरी को दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान किया जाएगा और आठ फरवरी को प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करने के लिए मतगणना होगी। इसके बाद परिणाम घोषित करके विजयी उम्मीदवारों का ऐलान होगा। 

राजन सिंह ने दिल्ली पुलिस और आम आदमी पार्टी पर लगाया आरोप

राजन सिंह ने आम आदमी पार्टी और दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो ट्रांसजेंडर समुदाय से आते हैं और अपने समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। जब वे अपना नामांकन दाखिल कराने गए थे, तब उनका नामांकन पत्र फटा हुआ था। आम आदमी पार्टी के नेता लगातार उन्हें परेशान कर रहे हैं और दिल्ली पुलिस भी उनकी शिकायत दर्ज नहीं कर रही है। दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी शिकायतें सुनीं और दिल्ली पुलिस को 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट सौंपने का नोटिस भेजा है। 

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