Foundation Day of Hindu Collage: दिल्ली विश्वविद्यालय का सबसे पुराना कॉलेज 'हिंदू कॉलेज' आज 15 फरवरी 2024 को अपना 125वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस कॉलेज में देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बतौर मुख्य अतिथी के रूप में स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कॉलेज परिसर में ब्वॉयज हॉस्टल की आधारशिला भी रखी। इस दौरान उपराष्ट्रपति ने कई प्रकाशन और स्मारक सिक्का भी जारी किया। इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित परोपकारी-पूर्व छात्रों को 'सार्थक सम्मान' और हिंदू कॉलेज के मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए।
 

कब हुई थी हिंदू कॉलेज की स्थापना

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के टॉप कॉलेजों में से एक हिंदू कॉलेज की स्थापना सन् 1899 में कृष्ण दास जी गुरुवाले ने ब्रिटिश राज के खिलाफ राष्ट्रवादी संघर्ष की पृष्ठभूमि में की थी। हिंदू कॉलेज की स्थापना में उनके साथ रायबहादुर अंबा प्रसाद सहित अन्य कई नागरिकों ने साथ दिया था। मूल रूप से कॉलेज चांदनी चौक के किनारी बाजार में एक साधारण इमारत में स्थित था और यह पंजाब विश्वविद्यालय से संबंध था। उस समय दिल्ली में कोई विश्वविद्यालय नहीं था। इसके बाद पंजाब विश्वविद्यालय ने कॉलेज को चेतावनी दी कि अगर कॉलेज को अपना उचित भवन नहीं मिला तो विश्वविद्यालय कॉलेज की मान्यता खत्म कर देगा। इस संकट से कॉलेज को बचाने के लिए राय बहादुर लाला सुल्तान सिंह आगे आए। उन्होंने अपनी ऐतिहासिक संपत्ति का एक हिस्सा जो मूल रूप से कर्नल जेम्स स्किनर का था कश्मीरी गेट पर उसे कॉलेज को दान कर दिया।

ये भी पढ़ें:- DU के 100वें कन्वोकेशन में 1.35 लाख स्टूडेंट्स को मिलेगी स्पेशल डिग्री, इस बार उपराष्ट्रपति धनखड़ होंगे खास मेहमान

स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान बहस का केंद्र रहा कॉलेज 

इसके बाद कॉलेज वहां 1953 तक चलता रहा, जब 1922 में दिल्ली विश्वविद्यालय का जन्म हुआ तो रामजस कॉलेज और सेंट स्टीफंस कॉलेज के साथ हिंदू कॉलेज को भी दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया, जिससे यह दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध होने वाले पहले तीन कॉलेज बन गए। उस समय इस कॉलेज को कश्मीरी गेट से दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर के पास स्थापित कर दिया गया। तब से यह कॉलेज यहीं संचालित है। कॉलेज की पुरानी इमारत के अलावा यहां पर एक नई इमारत भी बनाई जा चुकी है। हिंदू कॉलेज भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान विशेष रूप से भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान बौद्धिक और राजनीतिक बहस का केंद्र था। यह दिल्ली का एकमात्र कॉलेज है जिसमें 1935 से छात्र संसद है, जिसने महात्मा गांधी, मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, सरोजिनी नायडू सहित कई राष्ट्रीय नेताओं को प्रेरित करने के लिए एक मंच प्रदान किया।