Gir Somnath Dargah demolition case: गुजरात के गिर सोमनाथ में ढहाई गई दरगाह के स्थान पर उर्स मनाने की अनुमति देने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (31 जनवरी) को खारिज कर दिया। यह धार्मिक आयोजन 1 से 3 फरवरी के बीच प्रस्तावित था, लेकिन अदालत ने इसे मंजूरी देने से इनकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बीआर गवई और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने गुजरात सरकार की दलील को स्वीकार किया, जिसमें कहा गया कि यह जमीन सरकारी संपत्ति है और यहां पर बनी सभी अवैध धार्मिक संरचनाओं को पहले ही हटा दिया गया है।

सरकार ने क्या कहा?
गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि इस जमीन पर अवैध रूप से बने मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों को भी हटाया गया था। उन्होंने साफ कहा कि अब इस सरकारी भूमि पर किसी भी धर्म से जुड़े अनुष्ठान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

याचिकाकर्ता का तर्क
याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि उर्स का आयोजन वर्षों से इसी स्थान पर होता आ रहा है, लेकिन 30 जनवरी को प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि यह संरचना 1299 ईस्वी से पहले की थी और एक संरक्षित स्मारक थी।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया – "क्या वहां अभी कोई संरचना है?"
वकील ने जवाब दिया कि दरगाह को ढहा दिया गया है, लेकिन यह एक ऐतिहासिक स्थल था।

गिर सोमनाथ में बड़ा अतिक्रमण विरोधी अभियान
गौरतलब है कि 28 सितंबर 2024 को गुजरात प्रशासन ने गिर सोमनाथ जिले में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया था। इस दौरान सोमनाथ मंदिर के पास सरकारी जमीन पर बने कई धार्मिक ढांचों को गिराया गया था।

हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि ढहाई गई दरगाह पर उर्स का आयोजन नहीं किया जा सकता और सरकारी भूमि पर किसी भी धर्म से संबंधित अनाधिकृत गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जाएगी।