Retired Subedar Donating Land: हरियाणा के चरखी दादरी के गांव बिलावल निवासी रिटायर्ड सुबेदार सुमेर सिंह ने अपनी संपत्ति हरियाणा सरकार को दान करने का फैसला किया है। वे अपनी कमाई से खरीदी गई 8 एकड़ जमीन गौसेवा और जनसेवा के लिए दान करना चाहते हैं। इसके लिए वे हरियाणा सरकार को ई-मेल और रजिस्टर्ड पत्र भेज चुके हैं। अब वे सरकार की तरफ से जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
जल्द सीएम से मुलाकात करेंगे रिटायर्ट सुबेदार सुमेर सिंह
बता दें कि सुबेदार सुमेर सिंह का कहना है कि उन्होंने 25 सालों तक सेना में सेवाएं दीं और 1999 में वे सुबेदार के पद से रिटार हो गए। इसके बाद वे जयपुर में रहने लगे और अब भी वहीं रहते हैं। गांव वालों ने उनसे रिटायरमेंट के बाद समाज हित में काम करने को कहा। तब से वे समाजसेवा कर रहे हैं। अब वे अपने स्वर्गीय माता-पिता के नाम से गांव में अस्पताल और गौशाला बनवाकर सरकार को दान करना चाहते हैं। इसके लिए वे 24 सितंबर 2024 को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को रजिस्टर्ड पत्र भेज चुके हैं। सीएमओ कार्यालय से उनके पास फोन भी आ चुका है। इस मामले को लेकर वो जल्द ही सीएम सैनी से मुलाकात करेंगे और विचार विमर्श कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।
ये भी पढ़ें: नए साल से पहले हरियाणा की बेरोजगार महिलाओं को सैनी सरकार का तोहफा, आत्मनिर्भर बनने को करना होगा ये काम
सरकार के समक्ष रखेंगे ये शर्तें
उन्होंने बताया कि वे सीएम सैनी से मिलकर अपनी शर्तें रखेंगे और एग्रीमेंट कराएंगे। इसके लिए उनकी शर्तें हैं कि सुमेर सिंह अपनी जमीन पर अस्पताल का भवन बनाकर सरकार को सौंप देंगे और आगे का काम सरकार को करना होगा। अस्पताल का नाम उनके पिता देशराम और मां अणचाई के नाम पर रखा जाए। अस्पताल में स्टाफ का इंतजाम और अस्पताल की देखरेख सरकार को करनी होगी। साथ ही इस अस्पताल में आने वाले लोगों से मात्र पांच रुपए से ज्यादा पंजीकरण फीस न ली जाए।
जनहित में किए कई काम
बता दें कि सुमेर सिंह ने जनहित में काफी काम किए हैं। उन्होंने लिंगानुपात को देखते हुए बेटियों को बचाने की भी मुहिम चलाई थी। इसके लिए उन्होंने अपने गांव में लड़की के जन्म पर उसके नाम से 5100 रुपए की एफडी भी कराई थीं। इतना ही नहीं लड़की की शादी पर भी उन्होंने प्रोत्साहन राशि दी। इसके अलावा अब वे अस्पताल और गौशाला बनाकर सरकार को देकर जनहित का काम करना चाहते हैं।
ये भी पढ़ें: जगजीत डल्लेवाल के आमरण अनशन को आज 26वां दिन, किसान नेता अस्पताल में न शिफ्ट करने पर अड़े