Surajkund Mela 2025: हरियाणा के फरीदाबाद में 7 फरवरी से 38वें सूरजकुंड क्राफ्ट मेले की शुरुआत होने जा रही है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आज इस मेले का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी मौजूद रहेंगे। बता दें कि ये अंतर्राष्ट्रीय मेला 23 फरवरी तक चलने वाला है, जिसमें 42 देशों के 648 प्रतिभागी भाग लेंगे। इस बार मेले में दो स्टेट थीम ओडिशा और मध्य प्रदेश रखा गया है। इसके अलावा मेले में तीन पवेलियन बनाए गए हैं।

मेले की सुरक्षा के लिए कड़ी व्यवस्था

सूरजकुंड मेले में देश-विदेश के लाखों लोग शामिल होंगे। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन की ओर से सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं। मेले में जगह-जगह पर कुल 600 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे सभी पर निगरानी रखी जा सके। फरीदाबाद ट्रैफिक पुलिस की ओर से पहले ही एडवाइजरी जारी कर दी गई, जिससे आने वाले टूरिस्टों को जाम की समस्या का सामना न करना पड़े। साथ ही सुरक्षा को लेकर कड़ी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा मेला परिसर में दुकानों की संख्या 1100 से बढ़ाकर 1300 कर दी गई है।

क्या होगी टिकट और टाइमिंग?

सूरजकुंड मेले में एंट्री की टाइमिंग सुबह 10 बजे से रात के 7 बजे तक तय की गई है। बता दें कि मेल के टिकट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से खरीदे जा सकते हैं। आम दिनों में टिकट की कीमत 120 रुपए होगी, जो कि वीकेंड में बढ़कर 180 रुपए हो जाएगी। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की सारथी ऐप से भी ऑनलाइन टिकट खरीदा जा सकता है। साथ ही मेले में बने काउंटर पर जाकर आप ऑफलाइन टिकट ले सकते हैं। वीकेंड के दिनों में छात्रों और वरिष्ठ नागरिकों को 50 प्रतिशत की छूट भी दी जाएगी।

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दुनिया का सबसे बड़ा क्राफ्ट मेला

सूरजकुंड मेला प्राधिकरण की उपाध्यक्ष कला रामचंद्रन ने गुरुवार को बताया कि यह मेला हरियाणा की सांस्कृतिक परंपराओं को देश-विदेश में पहुंचाने का सशक्त माध्यम बनेगा। उन्होंने कहा कि सूरजकुंड मेला दुनिया का सबसे बड़ा क्राफ्ट मेला बन चुका है, जो भारत की समृद्ध कला परंपराओं को संजोए हुए है।

बता दें कि इस मेले में भारत के ही नहीं बल्कि दूसरे देशों के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। मेले में टूरिस्टों के लिए बहुत से तरह के व्यंजन, लोक कलाएं, हस्तशिल्प और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस मेले में मिस्र, इथियोपिया, सीरिया, अफगानिस्तान, बेलारूस, म्यांमार जैसे 42 देशों के प्रतिभागी भी शामिल होंगे।

साल 1987 में हुई थी मेले की शुरुआत

साल 1987 में हरियाणा पर्यटन विभाग की ओर से सूरजकुंड मेले की शुरुआत की गई थी, जो कि आज भारत के सबसे बड़े शिल्प मेलों में से एक है। इसकी शुरुआत भारतीय हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक धरोहर को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई थी। यह मेले छोटे-बड़े कलाकारों, शिल्पकारों, और हथकरघा बुनकरों के लिए एक मंच प्रदान करता है, जहां पर वह अपनी कला का प्रदर्शन कर सकते हैं।

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