हांसी/हिसार: राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित गढ़ी गांव में मकानों के निर्माण को अवैध बताकर तोड़ने वाला पंचायत विभाग कठघरे में है। प्रशासन के आदेश पर खंड विकास एवं पंचायत विभाग ने कई मकानों पर बुलडोजर चलाकर उनके एक हिस्से को अवैध बताकर तोड़ दिया था। लेकिन अब वही प्रशासन खुद तोड़े गए मकानों की मरम्मत करवा रहा है। पंचायत विभाग की एक टीम गढ़ी गांव पहुंची और कुछ दिन पहले तोड़े गए मकान के हिस्से को रिपेयर करने की कार्रवाई शुरू की। अधिकारियों ने पुलिस बल की मौजूदगी में जिस मकान को कुछ दिन पहले तोड़ा था, अब अधिकारी उसी मकान की मरम्मत करवाते नजर आए।

कोर्ट के आदेश पर पुनर्निर्माण करवा रहा प्रशासन

जानकारी अनुसार निर्माण गिराने को लेकर कोर्ट ने हांसी एसडीएम को शो कॉज नोटिस जारी किया। प्रशासन ने कोर्ट को बताया कि जिन मकानों को नुकसान पहुंचा, उनको दुरुस्त करवाया जाएगा। गढ़ी के रविंद्र जांगड़ा ने बताया कि उसने हांसी प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ व मकानों को बचाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका लगा रखी थी और कई मकान मालिकों को कोर्ट से स्टे भी मिला हुआ था। इसके बावजूद प्रशासन ने स्टे वाले मकानों पर पीला पंजा चलाते हुए पुलिस बल के सहारे मकानों को गिरा दिया। उसने दोबारा कोर्ट का सहारा लिया और कोर्ट स्टे के बावजूद उनके मकान तोड़ने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कोर्ट ने पंचायत विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए तोड़े गए मकानों के पुनर्निर्माण करवाने का आदेश दिया।

दिसंबर 2023 में मकान तोड़ने का दिया नोटिस

बता दें कि पंचायत विभाग ने दिसंबर 2023 में गांव गढ़ी में शामलात की जमीन पर बने मकानों को तोड़ने के नोटिस थमाए थे। इसी के चलते 14 दिसंबर को प्रशासन ने 10 मकानों पर बुलडोजर चला दिया। इस मामले को गढ़ी के लोग व पीड़ित एसडीएम से भी मिले थे। गढ़ी के पवन फौजी ने बताया कि सरकारी अधिकारियों ने कई मकानों की पैमाइश गलत तरीके से करके मकान तोड़ने के नोटिस भेजे। उसके बाद प्रशासन ने दिसंबर को गढ़ी में पहुंचकर मकानों को तोड़ दिया। सरकार द्वारा उसी जगह 2001 व 2019 में पैमाइश की गई, लेकिन दोनों बार पैमाइश में अंतर है। मकान तोड़ने को लेकर 22 लोगों ने स्थानीय अदालत व हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर की।

कम्युनिकेशन गैप रहा होगा: एसडीएम

हांसी के एसडीएम कुलभूषण बंसल ने कहा कि गढ़ी गांव में कई मकान मालिकों के पास डबल ऑर्डर था। एक ऑर्डर तोड़ने का व दूसरा आर्डर मकान नहीं तोड़ने का था। जब कर्मचारी मकान तोड़ने गए तो कोई कम्युनिकेशन गैप रहा होगा और मकान मालिक ने मकान नहीं तोड़ने वाली ऑर्डर की कॉपी अधिकारियों को नहीं दिखाई होगी अन्यथा कोई भी अधिकारी कोर्ट आदेश की अवहेलना नहीं करता। तोड़े गए मकानों के हिस्सों को दोबारा मेनटेन किया जा रहा है।