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किसान आमतौर पर फसल खराब होने पर मुआवजा मांगने के लिए कई बार गुहार लगाते हैं, लेकिन सुनवाई नहीं होती। हरियाणा में मंडी आदमपुर क्षेत्र में इसका उल्टा हो रहा है। अधिकारी कैंप लगाकर किसानों से मुआवजा लेने की अपील कर रहे हैं, लेकिन करीब 15 करोड़ रुपये मुआवजा लेने किसान नहीं आ रहे। जानें क्यों हो रहा है ऐसा।

खरीफ फसल 2022 का मुआवजा : किसान मुआवजा लेने के लिए गुहार पर गुहार लगाते हैं, लेकिन मंडी आदमपुर में इसका उल्टा हो रहा है। मंडी आदमपुर तहसील के अंतर्गत खरीफ फसल 2022 का मुआवजा देने के लिए तहसील कार्यालय आदमपुर की तरफ से कैंप लगाए गए। गांवों में कैंप लगाए जाने के बावजूद किसान मुआवजा लेने के लिए नहीं पहुंच रहे। तहसील कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार खरीफ फसल 2022 का सरकार ने 16 करोड़ 83 लाख रुपये का मुआवजा भेजा था ताकि किसानों को राहत मिल सके। 

8.71 करोड़ बंटने थे, बंटे केवल 1.57 करोड़

आदमपुर तहसील के गांव खासा महाजन, सादलपुर, चबरवाल, आदमपुर गांव, कोहली, कालीरावण, चूलीकलां एवं मंडी आदमपुर में मुआवजा देने के लिए कैंप भी लगाए गए। इन गांवों में 8 करोड़ 71 लाख रुपये मुआवजा देना था, लेकिन सिर्फ एक करोड़ 57 लाख 17 हजार ही वितरण हुआ। इससे यह आभास होता है कि किसान मुआवजे लेने में अधिक रुचि नहीं ले रहे हैं। इसके चलते अब तक 15 करोड़ 26 लाख मुआवजे का वितरण नहीं हो सका है। बताया जा रहा है कि कागजातों में कमी भी मुआवजा वितरण न होने का एक बड़ा कारण है। 

मार्च के अंत में वापस सरकार को भेज देंगे राशि

तहसीलदार रामनिवास भादू ने बताया कि किसान मुआवजा लेने के लिए तहसील कार्यालय के अलावा गांव के पटवारी व नंबरदारों को अपना खाता नंबर जमा करवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि अगर किसानों ने खाता नंबर जमा नहीं कराया तो मार्च के अंतिम सप्ताह में यह राशि वापस सरकार के खाते में जमा करवा दी जाएगी एवं किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाएगा। 

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