Hisar police surender। गांव खरड़ में 15 अगस्त की शाम बाइक सवार बदमाशों द्वारा आनंद की हत्या को लेकर गांव में बने विवाद का अब पटाक्षेप होता दिख रहा है। पुलिस ने हत्या के एक सप्ताह बाद गांव के सरपंच रमेश सैनी को गिरफ्तार कर लिया है। ग्रामीण व परिजन हत्या के बाद से ही सरपंच की गिरफ्तारी नहीं होने से शव नहीं लेने पर अड़े हुए थे। वीरवार को महापंचायत कर शुक्रवार तक गिरफ्तारी नहीं होने पर सचिवालय घेराव की चेतावनी दी थी। अल्टीमेंट की अवधि खत्म होने से पहले ही पुलिस ने प्रेम विवाह से जुड़े एक पुराने मामले में अपहरण व धमकी देने के आरोपों में सरपंच को गिरफ्तार कर लिया।

इस मामले में हुई गिरफ्तार

गांव खोखा निवासी चरंजीलाल ने डीएसपी को शिकायत दी थी। जिसमें अपने बेटे रविंद्र द्वारा सरपंच के परिवार की लड़की से गाजियाबाद के मंदिर में प्रेम विवाह से खफा सरपंच व अन्य लोगों पर दो फरवरी को पहले हथियारों के साथ घर में घुसकर परिवार को धमकाने तथा फिर आरोपियों द्वारा अपने बेटे व पुत्रवधू के अपहरण का आरोप लगाया था। जिसकी जांच के बाद सदर थाना पुलिस ने मई में केस दर्ज किया था। अब पुलिस ने इसी मामले में खरड़ के सरपंच रमेश सैनी को गिरफ्तार किया है।

यह थी परिजनों की मांग 

15 अगस्त की शाम बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर आनंद की हत्या कर दी थी तथा उसके अन्य साथी घायल हो गए थे। भाऊ गैंग ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी, परंतु ग्रामीण व परिजन गांव के सरपंच पर हत्या में शामिल होने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए थे। पहले ग्रामीणों ने दो दिन मैय्यड़ में हिसार दिल्ली हाइवे पर जाम लगया तथा फिर महापंचायत कर 24 घंटे में गिरफ्तारी नहीं होने पर रोड जाम की चेतावनी दी। वीरवार को फिर महापंचायत कर शुक्रवार तक गिरफ्तारी नहीं होने पर शनिवार को जिला सचिवालय के घेराव की चेतावनी दी। जिसके बाद पुलिस ने प्रेम विवाद से जुड़े एक पुराने मामले में अपहरण व धमकी देने के आरोप में सरपंच को गिरफ्तार कर लिया।

अवैध अतिक्रमण से उजपा था विवाद 

बताया जाता है कि सरपंच रमेश सैनी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने कार्यक्रम के दौरान गांव में सार्वजनिक जमीन पर किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाने की डिमांड रखी थी। सरपंच की इस कार्रवाई से गांव का एक प्रभावशाली तबका नाराज बताया जा रहा था। मृतक आनंद के खिलाफ केस दर्ज दर्ज थे तथा सरपंच को भी दबंग छवि का माना जाता है। भाऊ गैंग द्वारा हत्या की जिम्मेदारी ले ली, परंतु दबंग छवि की आड़ लेकर विरोधी खेमा आनंद हत्याकांड में सरपंच को नाम घसीटने में सफल रहा। जिससे परिजन व ग्रामीण सरपंच की गिरफ्तारी नहीं होने तक शव नहीं लेने पर अड़े रहे।

असफल रही थी डीसी-एसपी से बातचीत 

महापंचायत के बाद कमेटी ने बुधवार शाम डीसी व एसपी के साथ मीटिंग की। अधिकारियों व कमेटी के बीच लंबी बातचीत के दौरान जहां कमेटी सरपंच की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ी रही तो अधिकारी सरपंच के खिलाफ सबूत मांगने रहे। जिससे बातचीत बेनतीजा रही तो वीरवार दोपहर तक गिरफ्तारी नहीं होने पर फिर से रोडजाम की चेतावनी दी। वीरवार को कमेटी ने गिरफ्तारी के लिए शुक्रवार शाम तक का वक्त दिया तथा शनिवार को सचिवालय घेराव की चेतावनी दी।

यह उठे थे सवाल

बुधवार को हुई महापंचायत में वक्ताओं ने कहा कि पुलिस हांसी में रविंद्र सैनी व हिसार में महिंद्रा शोरूम पर हुई फायरिंग के आरोपियों को विदेश से उठा लाई। वही पुलिस आनंद के हत्यारोपों को गांव से भी गिरफ्तार नहीं कर पाई है। वक्ताओं ने पुलिस ने मृतक के परिजनों व ग्रामीणों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया था। महापंचायत में मैय्यड़, भगाना, लाड़वा, खरड़-अलीपुर, सरसौद, घिराय, सुलखनी व आसपास के ग्रामीणों के साथ कई खापों व किसान संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे।

एनकाउंटर में मारा गया था भाऊ गैंग का सन्नी 

इसी साल जुलाइ्र में खरखौदा में हुए एनकाउंटर में गांव खरड़ निवासी भाऊ गैंग के सन्नी की भी मौत हुई थी। बताया जाता है कि उसी शाम आनंद ने साथियों के साथ सन्नी के एनकाउंटर पर पटाखे बजाकर खुशी मनाई थी। जिसके बाद से आनंद भाऊ गैंग के निशाना पर था तथा जिसका बदला लेने के लिए 15 अगस्त की शाम खरड़ में आनंद व उसके साथियों को निशाना बनाकर बाइक सवार बदमाशों ने कई राउंड फायरिंग की थी। जिसमें गोली लगने से आनंद की मौत हो गई थी तथा उसके साथी घायल हो गए थे। जिसकी जिम्मेदारी भाऊ गैंग ने ली थी।