Shooter of Lawrence Bishnoi gang killed : गांव आसौदा के सरपंच व उसके पिता की हत्या के मामले में दोषी बदमाश जितेंद्र उर्फ जीतू उत्तरप्रदेश में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। यूपी के मुंडाली मेरठ क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ ने उसको ढेर कर दिया। आरोपी का लिंक लॉरेंस बिश्नोई  गिरोह से भी बताया जाता है। इस पर हरियाणा, यूपी और दिल्ली में आठ आपराधिक केस दर्ज हैं। जीतू को आजीवन कारावास की सजा मिली थी। पैरोल पर आने के बाद से फरार चल रहा था।

चुनावी रंजिश के चलते की थी हत्या

चुनावी रंजिश के चलते जुलाई 2016 में आसौदा के सरपंच रामबीर व उसके पिता की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। आसौदा के निवासी जितेंद्र उर्फ जीतू पर हत्या का केस चला। इस केस में इसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसी मुकदमे में वह 2023 में पैरोल पर जेल से बाहर आया था, लेकिन फिर जेल वापस जाने के बजाय फरार हो गया। आरोप है कि इसके बाद जितेंद्र ने 2023 में ही सुपारी लेकर गाजियाबाद के थाना टीला मोड़ में एक व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसी केस में यूपी पुलिस द्वारा उस पर एक लाख का इनाम घोषित किया गया था। इस मामले में यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट लगातार उसे तलाश रही थी।

आठ केस थे दर्ज, कई में हो चुकी थी सजा

इस दौरान टीम को सूचना मिली कि जीतू मेरठ के मुंडाली इलाके के जंगल में है। इसके बाद बुधवार की सुबह चार बजे उसे घेर लिया गया। इस दौरान हुई मुठभेड़ में उसे गोली लगी। इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। यूपी एसटीएफ के मुताबिक, जेल में रहने के दौरान वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में आ गया था और फरार होने के बाद से वह गैंग के सदस्यों के साथ आपराधिक मामलों में लिप्त रहता था। इस पर हरियाणा, यूपी व दिल्ली में आठ आपराधिक मुकदमे हैं। किसी मामले में उसे पांच साल तो किसी मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई थी। वहीं एक केस में उसे आजीवन कारावास की सजा मिली थी। इसके अलावा कई मामलों में वह वांछित भी था, लेकिन अब पुलिस से हुई मुठभेड़ में मारा गया।

वेटलिफ्टिंग में जीते थे मेडल, रोहतक में जिम चलाता था

मेरठ में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया जितेंद्र उर्फ जीतू खेलों में भी काफी आगे था। वह वेटलिफ्टर रह चुका था। उसने ऑस्ट्रेलिया में भी 2 बार मेडल भी जीते। क्राइम की दुनिया में आने से पहले वह रोहतक में जिम चलाता था। उनका रोहतक में भी घर है। उसकी पत्नी व बेटा वहीं रहते हैं। बताया जा रहा है कि सरपंची के चुनाव में जीतू का समर्थक नहीं जीता तो उसने गुस्से में आकर सरपंच व उसके पिता की हत्या कर दी थी। इसके बाद अपराध के दलदल में फंसता चला गया। 

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