CRPF Inspector Kuldeep Malik: जम्मू कश्मीर के उधमपुर में सोमवार को उग्रवादियों से हुई मुठभेड़ में जींद के निडानी गांव निवासी सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह मलिक वीरगति को प्राप्त हो गए। आज मंगलवार को उनके पैतृक निडानी गांव  में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। पहलवान के नाम से विख्यात कुलदीप उर्फ दीपा लगभग 34 साल पहले खेल कोटे से सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। 54 वर्षीय कुलदीप की पोस्टिंग जम्मू कश्मीर के उधमपुर में थी।

फायरिंग के समय लगी थी गोली

बताया जा रहा है कि सोमवार दोपहर को जंगलों में आतंकवादियों के छुपाने की सूचना कुलदीप की कंपनी को मिली थी। जिस पर कुलदीप ने अपने कंपनी के साथ उग्रवादियों को घेर लिया और दोनों तरफ से हुई फायरिंग में कुलदीप गोलियां लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए।

इलाज के दौरान हुई थी मौत

घायल होने के बाद तुरंत उन्हें इलाज के लिए कमान अस्पताल ले जाया गया। जहां पर इलाज के दौरान कुलदीप ने दम तोड़ दिया। कहा जा रहा है कि कुलदीप सिंह डीएसपी पद प्रमोशन के लिए अगले महीने कोर्स पर जाना था। शहीद कुलदीप सिंह तीन भाइयों में से बीच वाला थे। कुलदीप सिंह अपने पीछे पत्नी लक्ष्मी, आर्मी में ड्यूटी रत  बेटा नवीन, रेलवे पुलिस में ड्यूटी रत बेटा संजय, बुजुर्ग पिता ओमप्रकाश और माता शांति देवी को पीछे छोड़ गए।  

जिंदादिल इंसान थे कुलदीप

ग्रामीणों का कहना है कि कुलदीप एक अच्छा पहलवान होने के साथ-साथ जिंदादिल इंसान थे। उन्होंने बताया कि छुट्टियों में जब भी वह गांव आते थे धार्मिक, सामाजिक और खेल गतिविधियों में बढ़ चढ़कर भाग लिया करते थे। कुलदीप के शहीद होने की सूचना मिलने पर गांव में मातम छा गया है।

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वहीं, उधमपुर के डीआईजी ने कहा कि यह बहुत ही दुख की बात है,  लेकिन यह हमारी ड्यूटी का ही एक हिस्सा है। यह जंगल वाला इलाका है, यहां सड़कें और नेटवर्क नहीं हैं। इस जगह पर हम कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। फिलहाल हम तकनीक और ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं और जल्द से जल्द खतरे को बेअसर करने की कोशिश की जा रही है।