जींद: पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते सोमवार को दिनभर बूंदाबांदी का दौर जारी रहा। बूंदाबांदी फसलों के लिए संजीवनी बनी, वहीं सूखी ठंड से भी राहत मिली। सूखी ठंड से स्वास्थ्य (Health) के साथ फसलों पर विपरित प्रभाव पड़ रहा था। दिनभर आकाश में बादल छाए रहे और हल्की रूक-रूक कर बूंदाबादी भी होती रही। बूंदाबांदी के चलते अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। सोमवार को अधिकतम तापमान 15 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान सात डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को भी बादलाई बनी रहेगी। धुंध तथा कोहरे का असर भी देखने को मिलेगा।

बूंदाबांदी के चलते छह डिग्री लुढका पारा

पश्चिमी विक्षोभ के चलते रविवार शाम को ही मौसम ने करवट ले ली थी। मध्यरात्री के बाद आकाश में बादल छा गए और अलसुबह बूंदाबांदी शुरू हो गई, जो रूक रूक कर दोपहर तक होती रही। आकाश में बादलों का जमावड़ा भी लगा रहा। बूंदाबांदी के चलते अधिकतम तापमान में छह डिग्री तो न्यूनतम तापमान (Temperature) में दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। उत्तरी पश्चिमी हवा के चलते ठंड का असर भी जनजीवन पर साफ देखने को मिला। मौसम को देखते हुए लोगों ने जल्दी से काम निपटाए और अपने घरों में दुबक गए। आकाश में छाए बादलों के कारण बूंदाबांदी की संभावना भी बनी रही।

बूदांबांदी फसलों के लिए संजीवनी

रबी फसल बिजाई के बाद से बूंदाबांदी तो दूर, धुंध तथा कोहरा भी नहीं पड़ रहा था। सूखी ठंड का असर स्वास्थ्य के साथ फसलों पर भी देखने को मिल रहा था। कोहरे का खतरा लगातार बना हुआ था। दिसंबर माह के तीसरे सप्ताह में हुई बूंदाबांदी ने बीजी गई फसलों को संजीवनी देने का काम किया, जिसमें गेहूं, सरसों, चना तथा पशुचारा शामिल है। जिले में लगभग सवा दो लाख हैक्टेयर में गेहूं, दस हजार हैक्टेयर में सरसों की बिजाई की हुई है। बूंदाबांदी से फसलों को काफी फायदा पहुंचा है, जिससे फसलों को अच्छी ग्रोथ मिलेगी। किसानों का कहना है कि अगर अच्छी बारिश (Rain) होती है तो फसलों को और ज्यादा फायदा पहुंचता।

पश्चिमी विक्षोभ के चलते बदला मौसम

मौसम वैज्ञानिक डॉ. राजेश ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में बदलाव आया है। बूंदाबांदी से फसलों को फायदा पहुंचा है। सूखी ठंड से कुछ राहत मिली है। अच्छी ठंड का दौर शुरू हो गया है। 26 दिसंबर को फिर बूंदाबांदी के आसार बन रहे हैं। अब धुंध भी पड़ेगी। किसान फसलों में खाद का प्रयोग करें, ताकि अच्छी पैदावार ली जा सके।