कुरुक्षेत्र: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि 5161 साल पहले भगवान कृष्ण ने अर्जुन के माध्यम से पूरे विश्व को गीता का उपदेश दिया। इन उपदेशों में कर्म करने और फल की इच्छा ना रखने का संदेश वैज्ञानिक दृष्टि से भी सही है। जो मनुष्य फल की इच्छा रखकर कार्य करता है, वह हमेशा परेशान रहता है। जो व्यक्ति निस्वार्थ भाव से कर्म करता है, वह व्यक्ति हमेशा सफलता की ऊंचाइयों को छूता है। देश की भावी पीढ़ी को आज के संदर्भ में पवित्र ग्रंथ गीता को पढ़ने, जानने और हृदय में धारण करने की जरुरत है।
भारत ऋषि मुनियों की रही पावन धरा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत हजारों साल से ऋषि-मुनियों की पावन धरा रही है और ऋषि-मुनियों ने हमेशा पूरी दुनिया की चिंता की है। संतों ने सबको अपना माना और सभी के कल्याण के लिए प्रार्थना की। इस पावन धरा पर युवा पीढ़ी को संकल्प करना चाहिए कि पूरे विश्व के कल्याण के लिए धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में देश तेज गति के साथ आगे बढ़ रहा है। इससे स्पष्ट है कि भारत जल्द ही विश्व गुरु बनेगा। गीता जयंती समारोह में निमंत्रण के लिए उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का आभार प्रकट किया।
गीता जयंती पर विश्व के 45 देश जुड़े
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि गीता जयंती के पावन पर्व पर विश्व के 45 देश और भारत में 4 हजार केंद्रों के साथ-साथ हरियाणा के सभी जिलों के लगभग एक करोड़ 50 लाख लोग आज वैश्विक गीता पाठ और एक मिनट एक साथ - गीता पाठ के साथ जुड़े। सरकार के प्रयासों के चलते आज गीता महोत्सव (Geeta Mahotsav) को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बड़ा स्वरूप मिला और इस महोत्सव के तहत विदेशों में भी कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। इस पवित्र ग्रंथ गीता का पाठ बचपन में धारण किया जाए तो भावी पीढ़ी को फायदा होगा।