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हरियाणा के नारनौल में ग्रेनाइट कंपनी के कर्मचारी की तरफ से 10 करोड़ के गबन मामले में अदालत के आदेश पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस मामले में गबन के आरोपी की तलाश कर रही है।

नारनौल: बखरीजा माइनिंग जोन में एक ग्रेनाइट कंपनी के कर्मचारी की ओर से 10 करोड़ के गबन मामले में अदालत के आदेश पर केस दर्ज किया गया। मामले को लेकर माइंस के अकाउंटेंट ने सेशन कोर्ट (Sessions Court) नारनौल में केस दायर किया था। सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने पुलिस को केस दर्ज करके कार्रवाई करने की हिदायत दी है। पुलिस मामले में जांच करते हुए आरोपी की तलाश कर रही है।

आरोपी को दी हुई थी अटॉर्नी पावर

जानकारी अनुसार बखरीजा माइंस जोन में प्लॉट तीन को निमावत ग्रेनाइट कंपनी के नाम अलॉट किया गया था। कंपनी ने माइंस संचालन की जिम्मेवारी आशीष पुरेखा को सौंपी, जो 2017-18 से लगातार माइंस को संभालता आ रहा है। वर्कलोड बढ़ने पर ऑनर ने 2020 में नामित एजेंट भी आशीष पुरेखा को बना दिया, ताकि संचालन के दौरान सुविधा बननी रहे। कंपनी ने 2021 में अटॉर्नी पावर भी नामजद आरोपित को दे दी, जिससे चेक बुक रिसीव करने, अकाउंट के पासवर्ड तथा बैंक (Bank) संबंधी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर का अधिकार प्राप्त हो गया। इसी दौरान कर्मचारी ने कंपनी को बिना सूचना दिए कोलकाता में दो बैंक अकाउंट खुलवाए।

कंपनी के खातों से निकाले पैसे

आरोपित ने दोनों खातों में कंपनी से पैसे भेजने शुरू कर दिए। अवैध लेनदेन का पता 2023 में चला, इसके बाद कंपनी की ओर से छानबीन की गई, जिसमें कोलकाता के दोनों बैंक खातों की मदद से 10 करोड़ का गबन किया गया। छानबीन करने पर लेनदेन का कोई जीएसटी बिल नहीं मिला तथा ना कोई अन्य दस्तावेज होने की पुष्टि हुई। इसके बाद कंपनी ने उक्त कर्मचारी से संपर्क करके लेनदेन के संदर्भ में पूछताछ करने के प्रयास किए, लेकिन वह बहाने बनाकर कंपनी के अधिकारियों से बचते रहे। कंपनी के अकाउंटेंट ने नारनौल अदालत (Court) में चीटिंग, फर्जीवाड़ा, चकमा, गबन समेत विभिन्न शिकायतें दर्ज कराई, जिसके बाद केस दर्ज किया गया।

अदालत के आदेशों पर आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज

निजामपुर थाना प्रभारी गोविंदराम ने बताया कि अदालत के निर्देशों पर एक कंपनी के कर्मचारी व अन्य नामजदों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मामले की छानबीन करके जल्द ही आरोपित के खिलाफ आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। कंपनी की तरफ से पुलिस को मिली शिकायत संज्ञान में नहीं है। अब कोर्ट के आदेशों पर 10 करोड़ रुपए के गबन का केस पंजीकृत किया गया है।

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