Panipat: हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने पानीपत के निजी अस्पताल में कार्यरत डॉ. विशाल मलिक को 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। इस मामले में नागरिक अस्पताल पानीपत में कार्यरत दो अन्य आरोपी डॉ. पवन कुमार तथा क्लर्क नवीन कुमार द्वारा डॉ. विशाल मलिक के माध्यम से रिश्वत की मांग की जा रही थी। एसीबी की टीम द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो करनाल के पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की।

शिकायतकर्ता के खिलाफ केस दर्ज न करवाने के लिए मांगी थी रिश्वत

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि आरोपियों ने शिकायतकर्ता द्वारा संचालित किए जा रहे इमेजिंग एंड डायग्नोस्टिक सेंटर का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान आरोपियों द्वारा शिकायतकर्ता पर एफआईआर दर्ज न करवाने तथा जारी किए गए नोटिस को फाइल करवाने के बदले में दो लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। एसीबी की टीम ने मामले की पुष्टि करते हुए आरोपियों को पकड़ने के लिए योजना बनाई, जिनमें से निजी अस्पताल के डॉ. विकास मलिक को 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। रिश्वत की यह राशि डॉ. विकास मलिक के माध्यम से अन्य दोनों आरोपियों डॉ. पवन कुमार तथा क्लर्क नवीन कुमार तक पहुंचाई जानी थी। ब्यूरो द्वारा इस मामले में जल्द ही इन दोनों आरोपियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी। यह पूरी कार्यवाही गवाहों के समक्ष पूरी पारदर्शिता के साथ की गई।

सरकारी काम करने की एवज में रिश्वत मांगने वालों की दें सूचना

ब्यूरो के प्रवक्ता ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि यदि कोई भी अधिकारी अथवा कर्मचारी सरकारी काम करने की एवज में रिश्वत की मांग करता है तो तुरंत इसकी जानकारी हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो के टोल फ्री नंबर -1800-180-2022 तथा 1064 पर देना सुनिश्चित करें। शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रखा जाएगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। आरोपियों के खिलाफ कड़े एक्शन लिए जा रहे है। भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।