Narnaul : गांव पवेरा में एक व्यक्ति का अपनी पत्नी के साथ झगड़ा हो गया। पत्नी ने सास, ननद, देवर, देवरानी के साथ मिलकर पति पर ही पेट्रोल डालकर आग लगा दी। कमर से ऊपर जले शरीर के साथ झुलसे पति को नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया। यहां से रेफर होने के बाद एसएमएस जयपुर में उपचार करवाया गया। पीड़ित की बहन ने पुलिस में शिकायत दी, जिसके आधार पर पुलिस ने आग में झुलसे व्यक्ति की पत्नी सपना, माता स्वर्ण देवी, छोटी बहन सरिता और छोटा भाई विक्रम व उसकी पत्नी चान्दनी के खिलाफ निजामपुर थाना में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
कमर से ऊपर युवक का झुलस गया शरीर
नांगल चौधरी में वार्ड नंबर एक वासी सुनीता देवी ने बताया कि उसे नारनौल के नागरिक अस्पताल से सूचना मिली कि उसका भाई सुमेर सिंह पवेरा आग से जला हुआ है और अस्पताल में भर्ती है। सूचना पर वह अस्पताल पहुंची और देखा कि सुमेर सिंह का कमर से ऊपर का हिस्सा काफी जला हुआ था। जिस पर चिकित्सक ने दवाई लगाकर रेफर कर दिया। वह भाई को एंबुलेंस से सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर इलाज के लिए लेकर गई। रास्ते में ही भाई से पूछा तो उसने बताया कि जब वह शाम करीब साढ़े छह बजे घर गया तो पत्नी झगड़ा करने लगी। थोड़ी देर में पत्नी सपना एक प्लास्टिक की पीपी लेकर आई और उसके साथ माता स्वर्ण देवी, छोटी बहन सरिता, छोटा भाई विक्रम व उसकी पत्नी चांदनी थे। यह पकड़ने लगे तो वह वहां से भाग लिया। थोड़ी दूर जाने पर ही उन लोगों ने उसे पकड़ लिया और जान से मारने की लिए पीपी से पेट्रोल डाल दिया। सभी ने मिलकर आग लगा दी। बाद में इलाज के लिए नागरिक अस्पताल में दाखिल करवाया।
खेतों के पास से पुलिस ने युवक को उठाया और अस्पताल में भर्ती करवाया
पुलिस को हादसे के दिन शाम के समय डायल-112 ईआरवी पर सूचना मिली कि गांव पवेरा के खेतों में बने मकानों के पास सुमेर सिंह ने आग लगा ली है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सुमेरसिंह को जली हुई अवस्था में आग बुझाकर गाड़ी में बैठाया और नागरिक अस्पताल में दाखिल करवाया। उसके उपरांत एचसी राजेंद्र सिंह ने अस्पताल पहुंचकर सुमेर सिंह के बारे में पूछा तो चिकित्सक का जवाब था कि सुमेर सिंह की कोई एमएलआर तैयार नहीं की गई और ज्यादा जला हुआ होने के कारण पीजीआईएमएस रोहतक रेफर किया है। दो दिन बाद पुलिस 15 जनवरी को जयपुर बयान लेने के लिए पहुंची, वहां भी चिकित्सक ने युवक की गंभीर हालत को देखते हुए बयान लेने से इनकार कर दिया। वहीं, सुमेर सिंह की बड़ी बहन सुनीता देवी ने लिखित दरखास्त दी, जिसके आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरू की।