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Haryana Nikay Chunav: हरियाणा निकाय चुनाव के पहले कांग्रेस ने पार्टी के खिलाफ काम कर रहे नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की है। कांग्रेस ने गुरुग्राम और फरीदाबाद के 5 नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया है।  

Haryana Congress: हरियाणा निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपनी पार्टी के नेताओं के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है। कांग्रेस ने पूर्व विधायक समेत 5 नेताओं को तत्काल प्रभाव से बाहर कर दिया है। अब ये नेता अगले 6 सालों तक पार्टी में शामिल नहीं हो सकते हैं। इसमें पटौदी से कांग्रेस के विधायक रहे रामबीर सिंह का नाम भी शामिल है। बता दें इससे पहले भी 9 नेताओं को पार्टी से निकाला था, जिसमें रादौर से पूर्व विधायक बिशन लाल सैनी और हिसार से विधानसभा चुनाव लड़ चुके रामनिवास राड़ा शामिल थे। रामिनवास राड़ा सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा के करीबी हैं।

पूर्व विधायक समेत इन नेताओं को पार्टी से निकाला

कांग्रेस की ओर से जारी की गई लिस्ट में विधायक रामबीर के अलावा 4 अन्य नेताओं का भी नाम है। इनमें फरीदाबाद के विजय कौशिक, फरीदाबाद के वार्ड नंबर-36 से नेता राहुल चौधरी और वार्ड नंबर-39 से नेत्री पूजा रानी और उनके पति मलिक शामिल हैं। कांग्रेस ने बताया कि नगर निगम चुनाव प्रक्रिया के दौरान कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की शिकायतें मिली थीं। इन रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद पार्टी ने यह फैसला लिया है।

बता दें कि फरीदाबाद के वार्ड नंबर-36 से कांग्रेस ने राहुल चौधरी को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन आखिरी मौके पर उसने अपना नामांकन वापस लेकर बीजेपी को समर्थन दे दिया। इसके अलावा दूसरे उम्मीदवारों ने भी नामांकन वापस ले लिया, जिससे बीजेपी पार्षद प्रत्याशी कुलदीप साहनी बिना वोटिंग के ही जीत गए। बता दें कि हरियाणा में पानीपत को छोड़कर 2 मार्च को निकाय चुनाव के लिए वोटिंग की जाएगी। इसके लिए बीजेपी और कांग्रेस समेत सभी पार्टियां अपना पूरा जोर लगा रही हैं।

बहू के लिए टिकट मांग रहे थे  पूर्व विधायक रामबीर

बता दें कि पूर्व विधायक रामबीर सिंह हरियाणा शिक्षा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन भी रह चुके हैं। कांग्रेस पार्टी से उन्होंने 15 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले विधानसभा चुनाव में वह अपनी बहू के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने पर्ल चौधरी को मैदान में उतार दिया था। रामबीर सिंह ने बताया था कि कांग्रेस पार्टी में बहुत ज्यादा गुटबाजी है। विधानसभा चुनाव में पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के दामाद के नाम आगे बढ़ाया गया और फिर स्थानीय उम्मीदवार को छोड़कर दूसरे को टिकट दे दी। जिसके चलते पटौदी में कांग्रेस की बुरी हार का सामना करना पड़ा था।

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