Congress Office Worker Fight: भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट के लिए चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के उम्मीदवार राव दान सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही। राव दान के होते हुए कार्यालय उद्घाटन के मौके पर पूर्व सीएम हुड्‌डा समुह के समर्थक ही एक दूसरे के साथ आपस में लड़ पड़े। इस से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें कांग्रेसी जमकर एक दूसरे पर हल्ला कर रहे हैं।

कांग्रेस में चल रहा गुटबाजी

भिवानी महेंद्रगढ़ सीट के लिए बीजेपी के उम्मीदवार चौ. धर्मबीर सिंह सिंह और कांग्रेस के राव दान सिंह मैदान में उतरे हैं। बीजेपी के कड़े अनुशासन के चलते धुर विरोधी राव इंद्रजीत सिंह और राव नरबीर सिंह तो सिंचाई मंत्री अभय सिंह और राव इंद्रजीत एक साथ पर खड़े नजर आते हैं। वहीं दूसरी और कांग्रेस में गुटबाजी और खेमेबाजी के साथ अब मारा-मारी का दौर भी शुरू हो चुका है।

लोहारू में जमकर हुआ विवाद

वहीं, पूर्व सीएम चौ. बंशीलाल की पौती और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी का यहां से टिकट कटने के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री किरण चौधरी की नाराजगी थोड़ी कम हुई है। पिछली रात कांग्रेस उम्मीदवार लोहारू में चुनावी कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर पूर्व विधायक, पूर्व सीएम बंशीलाल के दामाद, श्रुति चौधरी के फूफा सोमवीर सिंह और पूर्व जिला परिषद चेयरमैन राजबीर सिंह फरटिया के समर्थकों के बीच जमकर विवाद हुआ।

कई घंटे देर से पहुंचे राव दान सिंह

दरअसल, रविवार 5 अप्रैल शाम 3 बजे लोहारू विधानसभा में राव दान सिंह के चुनाव कार्यालय के उद्घाटन का कार्यक्रम रखा गया था। जिसके लिए राव दान सिंह लोहारू पहुंचे तो वर्चस्व की लड़ाई के चलते सोमवीर सिंह ने दान सिंह को वहां जाने नहीं दिया गया और दूसरी कई जगह ले गए। इस चलते जिस चुनाव कार्यालय का उद्घाटन दोपहर 3 बजे होना था, उन्हें वहां पर पहुंचते पहुंचते रात के 10 बज गए।  

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कुछ कार्यकर्ताओं के बीच हुई मारपीट

इसके बाद वहां पर सोमवीर सिंह और राजबीर सिंह समर्थकों के बीच आपस में ही विवाद हो गया। दोनों के समर्थकों में जमकर मारा-मारी हुई। इस बीच राव दान सिंह असहाय और दोनों पक्ष को समझाते नजर आए। लेकिन उनके इस बात का कोई असर नहीं हुआ। कहा यह भी जा रहा है कि कुछ कार्यकर्ताओं के बीच तो मारपीट भी हुई है। सबसे अहम बात है कि सोमवीर सिंह और राजबीर सिंह दोनों ही पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के समूह के हैं और दोनों ही उनके करीबी माने जाते हैं। वहीं, इस विवाद के चलते राव दान सिंह को इसका परिणाम भुगतना पड़ सकता है।