Chandigarh। भारत की आजादी की पहली लड़ाई, 1857 के शहीदों के सम्मान में सरकार द्वारा अंबाला कैंट में बनाये जा रहे आजादी की पहली लड़ाई का शहीदी स्मारक जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा। स्मारक का सिविल कार्य पूर्ण होने के बाद डिजिटल उपकरण सहित संग्रहालय के अन्य कार्यों के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में यहां हुई हाई पावर वर्कर्स परचेज कमेटी (एचपीडब्ल्यूपीसी) की बैठक में लगभग 112 करोड़ की मंजूरी प्रदान की गई। इस स्मारक से युवा पीढ़ी को न केवल आजादी की पहली लड़ाई के बारे में जानकारी मिलेगी बल्कि वे ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों और हरियाणा के वीरों के योगदान की कहानियों से भी अवगत होंगे। इसके अलावा, उच्चाधिकार प्राप्त क्रय समिति (एचपीपीसी), विभागीय उच्चाधिकार प्राप्त क्रय समिति (डीएचपीपीसी) और हाई पावर वर्कर्स परचेज कमेटी (एचपीडब्ल्यूपीसी) की बैठक में कुल 1500 करोड़ रुपये से अधिक के कॉन्ट्रेक्ट तथा विभिन्न वस्तुओं की खरीद को मंजूरी दी गई। बैठक में विभिन्न बोलीदाताओं से नेगोसिएशन के बाद दरें तय करके लगभग 112 करोड़ रुपये की बचत की गई है। उल्लेखनीय है कि सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा निर्मित किए जा रहे आजादी की पहली लड़ाई का शहीदी स्मारक में ही साढ़े 21 करोड़ रुपये की बचत की गई। बैठक में श्रम राज्य मंत्री अनूप धानक भी उपस्थित थे। इनके अलावा, स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग माध्यम से बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में कुल 28 एजेंडे रखे गए और सभी एजेंडों को मंजूरी प्रदान की गई।
सिंचाई में प्रयोग हो रहा उपचारित पानी
एसटीपी प्लांट के उपचारित पानी को सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के तहत इस्तेमाल करने की परियोजना को मंजूरी
सरकार द्वारा जल संरक्षण और कम पानी के साथ अधिक पैदावार के विज़न के साथ क्रियान्वित की जा रही सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं को लगातार गति मिल रही है। इस कड़ी में बैठक में एसटीपी प्लांट के उपचारित पानी को सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के तहत इस्तेमाल करने हेतु परियोजना को मंजूरी दी गई। जाटल रोड, पानीपत में मौजूदा एसटीपी, नौल्था, पालड़ी, बलाना और जोंधन खुर्द गांव में उपचारित अपशिष्ट जल की आपूर्ति के लिए सोलर/ग्रिड संचालित एकीकृत सूक्ष्म सिंचाई बुनियादी ढांचे की स्थापना की जाएगी। इस परियोजना के लिए भी बैठक में कार्य आवंटन को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, लगभग 14 करोड़ रुपये की लागत से महेंद्रगढ़ डिस्ट्रीब्यूटरी के पुनर्वास कार्य को भी मंजूरी दी गई। साथ ही, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा विभिन्न स्थानों पर जलापूर्ति के लिए पंप सेट और पाइपों की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई।
प्रदेश में यहां-यहां होगा सड़कों का कायाकल्प
डबवाली से कालांवाली वाया देसू जोधा, हिसार-तोशाम, महेंद्रगढ़ जिले में नारनौल-नांगल चौधरी रोड, हांसी-सिसाय-लोहारी राघो-हैबतपुर-खेड़ी-जालब रोड, कालांवाली से डबवाली तथा करनाल-काछवा-कौल सड़कों के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्यों को भी मंजूरी प्रदान की गई। इसी प्रकार, रेवाड़ी-महेंद्रगढ़ 2-लेन सड़क, रोहतक-खरखौदा दिल्ली सीमा तक, झज्जर-कोसली सड़क, महम से कलानौर-बेरी तक सड़कों के सुधारीकरण और सुदृढ़ीकरण कार्यों को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, आईएमटी, खरखौदा, जिला सोनीपत में सड़क नेटवर्क, जल आपूर्ति प्रणाली, अपशिष्ट जल संग्रहण प्रणाली, उपचारित अपशिष्ट जल की पुनः परिसंचरण प्रणाली इत्यादि बुनियादी सुविधाओं के विकास हेतु भी कार्य आवंटित किया गया है। मुंदड़ी, जिला कैथल में महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय में शैक्षणिक ब्लॉक के निर्माण हेतु तथा लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत से पुलिस विभाग के लिए गाड़ियों की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई।