Doctors strike: हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल के पहले कोई खास असर देखने को नहीं मिला। डॉक्टरों की हड़ताल के बावजूद अधिकतर अस्पतालों में एमरजेंसी, ओपीडी व पोस्टमार्टम सेवाएं सुचारू रूप से चली। दोपहर तक जींद में तीन शवों का पोस्टमार्टम किया गया। जबकि सोनीपत में तीन में एक शव का पोस्टमार्टम हो चुका था तथा एक की पोस्टमार्टम की प्रक्रिया चल रही थी। एक अन्य शव का पोस्टमार्टम परिजनों के इंकार के कारण अटका हुआ था। हिसार में पोस्टमार्टम के लिए आए तीन शवों में से एक भी पोस्टमार्टम नहीं हो पाया था। पुलिस ने रात को एक महिला का शव चिता से उठाया था, जबकि दूसरी के शिक्षक पति पर हत्या का आरोप है।
सब कुछ पहले की तरह सामान्य
जींद के सीएमओ डॉ. गोपाल गोयल ने कहा कि सामान्य दिनों की तरह सभी सेवाएं सुचारू रूप से काम कर रही हैं। डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए ओपीडी, एमरजेंसी व पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टरों की व्यवस्था पहले ही कर ली गई थी। अस्पताल में आने वाले मरीजों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए पूरी व्यवस्था की गई है।
दोपहर 12 बजे तक कटी ओपीडी की 800 पर्ची
हिसार के नागरिक अस्पताल में सामान्यत प्रतिदिन 1800 से 2000 ओपीडी होती है। बृहस्पतिवार को डॉक्टरों की हड़ताल के बावजूद दोपहर 12 बजे तक 800 पर्ची कट चुकी थी। एमरजेंसी के साथ ओपीडी, गायिनी, सर्जरी के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई थी। सीएमओ डॉ. सपना गलोहत ने कहा कि मरीजों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। पहले से सभी प्रकार की व्यवस्था कर ली गई थी। भिवानी में डॉक्टरों की हड़ताल के चलते ओपीडी के बाहर भारी भीड़ देखने को मिली। हालांकि जिला स्वास्थ्य विभाग ने एनएचएम, एचकेआरएन के तहत नियुक्त किए गए चिकित्सकों की ड्यूटी लगाने के लिए व्यवस्था बेहतर बनाने का दावा किया।
70 डॉक्टरों ने दी अकास्मिक अवकाश की अर्जी
कुरूक्षेत्र में डॉक्टरों की हड़ताल में शामिल होने के लिए जिले के 70 डॉक्टरों ने अचानक अकास्मिक अवकाश का आवेदन कर दिया। जिससे कुरूक्षेद्व लाड़वा, पिहोवा में भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई। स्वास्थ्य विभाग के दावों के बावजूद अधिकर ओपीडी कक्ष खाली पड़े दिखाई दिए। 11 बजे तक हड़ताल कर नर्सिंग स्टाफ ने भी डॉक्टरों का साथ दिया। स्वास्थ्य विभाग ने अतिरिक्त डॉक्टरों की ड्यूटी लगाकर सेवाओं को सुचारू बनाए रखने का प्रयास किया।
पूरी तरह से बेअसर रही हड़ताल
यमुनानगर में डॉक्टरों की हड़ताल पूरी तरह से बेअसर रही। अस्पतलों में सभी कामकाज सामान्य दिनों की ही तरह चले। हालांकि हड़ताल की सूचना के चलते अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या सामान्य दिनों से कुछ कम रही।