Jhajjar: देश के लिए ओलंपिक में पांच डेफ मेडल जीत चुके झज्जर के सासरौली गांव निवासी वीरेंद्र सिंह उर्फ गूंगा पहलवान बुधवार को एक बार फिर सुर्खियों में आ गए। पहले ब्रजभूषण व बजरंग विवाद में साक्षी मलिक व बजरंग पूनिया के पदक लौटाने पर समर्थन में मेडल वापस करने की घोषणा कर प्रदेश व केंद्र सरकार को हिला दिया था। अब खेल रत्न नहीं मिलने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ शेयर की। जिसमें लिखा कि मूक बधिर होना ही मेरा अपराध है, शायद इसलिए देश के लिए पांच ओलंपिक पदक जीतने के बाद भी मुझे न तो खेल रत्न मिला और ही नहीं हरियाणा सरकार की पॉलिसी के तहत आठ करोड़। एक्स पर लिखी पोस्ट में वीरेंद्र सिंह उर्फ गूंगा पहलवान की खेल रत्न नहीं मिलने की मायूसी स्पष्ट रूप से झलकती है।
दस वर्ष की आयु में खेलना किया था शुरू
वीरेंद्र सिंह उर्फ गूंगा पहलवान ने करीब दस वर्ष की आयु में कुश्ती खेलना शुरू किया था। करीब सवा माह पहले वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान उनके हाथ में चोट लग गई थी। अस्पताल से छुट्टी के मिलने के बाद वे चोटिल हाथ से वे अखाडे़ में अभ्यास करने भी जुट गए थे। उसका सपना आगामी वर्ष 2025 के डेफ ओलंपिक में देश को पदक दिलाना है। इससे पहले वे तीन बार गोल्ड मेडल व दो बार ब्रांज मेडल हासिल कर चुके हैं।
इन अवार्ड से हो चुके सम्मानित
अपनी उपलब्धियों पर उन्हें सरकार द्वारा भीम अवार्ड, अर्जुन अवार्ड, पदम्श्री व नेशनल अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। हाथ मंे चोट लगने के कारण दो माह के अवकाश पर चल रहे खेल विभाग में कोच के पद पर कार्यरत वीरेंद्र सिंह उर्फ गूंगा पहलवान द्वारा मेजर ध्यानचंद खेल रत्न के लिए भी नामांकन किया हुआ है। इससे पहले वे महिला पहलवानों के आंदोलन के दौरान उनका समर्थन करने पर भी सुर्खियों में आ चुके हैं।