Election Commission News, चंडीगढ़। निर्वाचन आयोग ने अपने गृह जिले में कार्यरत जिला उपायुक्त को हटाने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही आयोग ने सरकार से पंचकूला में डीसी लगाने के लिए तीन अधिकारियों को पैनल मांगा है। आचार संहिता लगने के बाद निर्वाचन आयोग की यह अब तक की बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। पंचकूला के डीसी सुशील सारवान के गृह जिले में तैनाती को लेकर लंबे समय से विपक्षी दल मांग कर रहे थे। जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने यह कार्रवाई की है। इससे पहले सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल के पति आईपीएस राजेश दुग्गल का ट्रांसफर गुरुग्राम पुलिस मुख्यालय में किया गया था।
सियासी परिवार से जुड़े होने के कारण बढ़ा विवाद
पंचकूला के डीसी सुशील सारवान न केवल गृहजिले में कार्यरत थे, बल्कि उनका सियासी परिवार से भी रिश्ता रहा है। जिस कारण उनकी नियुक्ति को लेकर लगातार विरोध में स्वर उठ रहे थे। उपायुक्त के पास जिले में रिटर्निंग आफिसर की भी जिम्मेदारी होती हैं तथा चुनाव के दौरान किसी भी अधिकारी की गृह जिले में नियुक्ति नहीं हो सकती। विपक्षी दल मुख्य सचिव व मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को भी हटाने के लिए निर्वाचन आयोग को पत्र लिख चुके हैं।
यह बना ट्रांसफर का आधार
लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय चुनाव आयोग की ओर से राज्यों को जारी निर्देश में किसी भी अधिकारी और कर्मचारी के तबादले का आधार संसदीय क्षेत्र को बनाया है। चुनाव के दौरान अपने गृह जिले वाले संसदीय क्षेत्र में अफसरों की तैनाती नहीं की जाएगी। इसी आधार पर ही चुनाव आयोग के पास अफसरों और कर्मचारियों की शिकायत पहुंच रही हैं।चुनावी प्रक्रिया में आरओ यानी रिटर्निंग अफसर की अहम भूमिका होती है। वह सीधे तौर से चुनाव से जुड़ा होता है।
सरकार ने निर्वाचन आयोग से मांगी थी सलाह
उपायुक्त जिला चुनाव अधिकारी को लेकर आयोग की हिदायत स्पष्ट नहीं है। यही वजह है कि उपायुक्त सुशील सारवान के मामले में सरकार ने चुनाव आयोग से दिशा देने की अपील की थी. बताते हुए हैं कि जिले से हटाने को लेकर दिशा निर्देश दे दिए गए हैं, इसके बाद में अब किसी भी वक्त उन्हें हटाकर जिले में दूसरे अधिकारी की तैनाती की जा सकती है।