योगेंद्र शर्मा, चंडीगढ़: आखिरकार प्रदेश के अंदर राज्यसभा (Rajya Sabha) की एक सीट के लिए होने वाले चुनावों से पहले ही कांग्रेस ने आत्मसमर्पण कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने साफ कर दिया कि राज्यसभा सीट के लिए नंबर चाहिएं। हमारे पास नंबर नहीं हैं, इसलिए उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला लिया है। यहां दूसरा इस प्रकार का मौका है जब कांग्रेस ने पहले ही समर्पण कर दिया है। सूबे में हैट्रिक लगाकर इतिहास रचने वाली भाजपा के नेता भी पूरे उत्साहित हैं।

किरण चौधरी को पहले भेज चुके राज्यसभा

भाजपा नेताओं ने बेहतरीन कार्ड खेलते हुए कांग्रेस से आई दिग्गज नेत्री चौधरी बंसीलाल परिवार की बहू किरण चौधरी को पहले ही राज्यसभा में भेजने का काम किया है। वहीं किरण चौधरी (Kiran Chowdhary) की बेटी श्रुति को भाजपा का टिकट देकर पहले विधायक और बाद में मंत्री भी बनाने का काम किया। भाजपा ने एक तीर से कई सियासी निशाने साधे हैं। दूसरी तरफ बतौर नेता विपक्ष मिली सरकारी कोठी सेक्टर सात को हुड्डा खाली करने जा रहे हैं। सरकार के एक मंत्री को यह कोठी अलॉट करने की तैयारी है।

भाजपा के खाते में जाएगी राज्यसभा सीट

राज्यसभा की यह सीट भाजपा के खाते में जाने के 100 फीसदी चांस हैं, क्योंकि कांग्रेस पहले ही सरेंडर कर चुकी है। उम्मीदवार नहीं उतारने के फैसले की जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupendra Singh Hooda) ने दी है। पानीपत से इसराना सीट से विधायक का चुनाव जीतने के बाद मंत्री बने कृष्ण पंवार ने राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया, तो यह सीट खाली हुई थी। इस सीट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष रह चुके भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सीट नंबर गेम है, उनके पास में नंबर नहीं हैं, इसलिए उम्मीदवार नहीं उतारेंगे।

20 को होगा चुनाव, भाजपा की पूरी तैयारी

बता दें कि सूबे में भाजपा के पास 48 और कांग्रेस के पास 37 विधायक हैं। गौरतलब है कि 20 दिसंबर को राज्यसभा के लिए चुनाव होगा। भाजपा के नेताओं द्वारा इस पर होमवर्क पूरा कर लिया गया है, लेकिन नाम की घोषणा अभी तक नहीं की है। माना जा रहा है कि जल्द ही पार्टी अपने उम्मीदवार के नाम का एलान भी कर देगी।

चंडीगढ़ सेक्टर 7 की कोठी पर विपल गोयल की नजर

भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पास सेक्टर 7 स्थित 70 नंबर कोठी पर नायब सैनी सरकार में मंत्री विपुल गोयल (Vipul Goyal) की नजरें है,  क्योंकि विपुल मनोहर सरकार पार्ट वन में इस कोठी में रह चुके हैं। गोयल की ओर से कोठी को अलॉट करने का आग्रह भी किया जा चुका है। सरकारी बंगला नेता विपक्ष होने के नाते मिला था लेकिन हुड्डा के नेता प्रतिपक्ष नहीं बनने की चर्चा शुरू हो चुकी है। यह भी खाली करने का बड़ा कारण बताया जा रहा है। हालांकि फैसला कांग्रेस हाईकमान को करना है। कांग्रेस की खींचतान और गुटबाजी के कारण एक गुट हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष नहीं देखना चाहता।