Ram Rahim Appeals To Court: रोहतक की सुनारिया जेल में साध्वी यौन शोषण और मर्डर केस में राम रहीम 20 साल की सजा काट रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर से जेल से बाहर आने की इच्छा जताई। राम रहीम ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के सामने किसी भी तरह की पैरोल या फरलो देने पर रोक के आदेश को हटाने की गुहार लगाई है। उन्होंने दावा किया है कि वह इस साल 20 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो सहित कुल 41 दिनों की अवधि के लिए रिहाई के योग्य हैं। वह इसका लाभ उठाना चाहता है।
राम रहीम के पैरोल का हुआ था विरोध
बता दें कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर राम रहीम को बार-बार जेल से बाहर लाने का विरोध जताया था। जिसके बाद 29 फरवरी को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि कोर्ट की परमिशन के बिना डेरा प्रमुख की पैरोल के आवेदन पर कोई विचार न किया जाए।
राम रहीम ने दी दलील
वहीं, राम रहीम ने हाईकोर्ट के आदेशों पर रोक हटाने की मांग करते हुए कहा है कि पैरोल और फरलो देने का उद्देश्य सुधारात्मक प्रकृति का है और दोषी को परिवार और समाज के साथ अपने सामाजिक संबंधों को बनाए रखने में सक्षम बनाना है। हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स एक्ट 2022 के तहत योग्य दोषियों को हर कैलेंडर वर्ष में 70 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो देने का अधिकार दिया गया है।
साथ ही यह उन्होंने यह भी कहा गया है कि नियम ऐसे किसी भी दोषी को पैरोल और फरलो देने पर रोक नहीं लगाते हैं, जिसे आजीवन कारावास और निश्चित अवधि की सजा वाले तीन या उससे अधिक मामलों में दोषी ठहराया गया हो और कोर्ट ने सजा सुनाई हो। उन्होंने दलील देते हुए आगे कहा कि पैरोल या फरलो देना कानूनी रूप से एक उचित उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद संबंधित संवैधानिक प्राविधान के अनुसार है। उसे किसी भी स्तर पर कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं दिया गया है।
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9 बार आ चुके हैं जेल से बाहर
कहा यह जा रहा है कि यह पहली बार है कि हरियाणा और पंजाब में हो रहे लोकसभा चुनाव बिना राम रहीम के हो रहा हैं। हाईकोर्ट की सख्ती के कारण सरकार की ओर से राम रहीम को इस बार चुनाव के लिए पैरोल नहीं दी गई। वहीं अब तक वह 2022 से 6 बार फरलो और 3 पैरोल लेकर 192 दिन तक बाहर आ चुके हैं।