Gurugram : फर्जी दस्तावेज तैयार कर एनआरआई की जमीन हड़पने के मामले में पुलिस ने दो और आरोपितों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इन्हें अदालत में पेश कर दो दिन के रिमांड पर लिया। पुलिस मामले में एक नेता समेत पांच लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
पूर्ण मनचंदा ने पुलिस कमिश्नर को दी थी शिकायत
पूर्ण मनचंदा ने एक मार्च 2022 को पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी थी कि गांव बेगमपुर खटोला में उसकी जमीन को फर्जी कागजात के आधार पर रजिस्ट्री कराकर हड़प लिया है। पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा ने एसआईटी गठित कर मामले में आरोपियों व दस्तावेजों के बारे में जानकारी जुटाने के निर्देश दिए। एसआईटी ने रिकॉर्ड की असल बही व जीपीए के रिकॉर्ड की जांच की तो जीपीए के रिकॉर्ड के रजिस्टर का एक पेज फटा मिला। जिसमें इस जमीन की जीपीए का इंद्राज किया गया था। इसके अलावा पुलिस ने रिकॉर्ड के कई दस्तावेज कब्जे में लिए। पुलिस ने पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
विदेश में रहने का फायदा उठाकर बनाई थी योजना
आरोपित सुभाष चन्द जानता था कि शिकायतकर्ता एक एनआरआई है और अधिकतर विदेश में रहता है। अपने साथियों के साथ मिलकर उसने एनआरआई की जमीन हड़पने के लिए फर्जी कागजात तैयार कराने व जमीन की रजिस्ट्री कराने की योजना बनाई थी। सुभाष ने अपने भतीजे वकील टोनी से जमीन के कागजात तैयार कराए। योजनानुसार सबसे पहले सुभाष चन्द ने जमीन का सिजरा, मुटेशन व सेलडीड दस्तावेज हासिल की।
रिकॉर्डरूम से पुरानी बही से तैयार की थी फर्जी जीपीए
आरोपित सुभाष चन्द के भतीजा टोनी कालकाजी तहसील के रिकॉर्ड रूम में अस्थाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत संजय से मिला। उसने अक्टूबर-2021 में टोनी को 1996 की असल बही दे दी। उसके बाद कम्प्यूटर/स्केनर व सॉफ्टवेयर के जरिए सुभाष चन्द के नाम से एक फर्जी जीपीए तैयार की गई। उस फर्जी जीपीए की कॉपी 1996 की असल बही में लगा दी। इन्होंने पूरी असल बही को कॉपी करके उस पर बही का पुराना कवर लगा दिया था। जिससे इनके द्वारा बनाया गया फर्जी जीपीए वाला कागज अलग से पहचान में ना आ सके। उसके बाद वह असल बही आरोपी संजय को दे दी और संजय ने वह बही रिकार्ड में रख दी। रिकॉर्ड रूम से असल बही निकालने व वापस जमा करने के लिए आरोपी संजय ने पांच लाख रुपए लिए।
जांच अधिकारी भी गिरफ्तार
आरोपितों ने फर्जी जीपीए को आधार बनाकर शिकायतकर्ता की 15 कनाल 2 मरला जमीन को भीम सिंह राठी, शैल नारंग व ओमवीर द्वारा बताए गए विनोद नामक व्यक्तियों के नाम करा दी। आरोपियों ने करीब 40 करोड़ कीमत की जमीन को 6.6 करोड़ रुपयों में खरीदना बताकर एनआरआई व्यक्ति की जमीन को अपने नाम कर लिया। मनचंदा द्वारा दी गई शिकायत पर दर्ज केस में जांच में एएसआई प्रदीप ने भी पैसा लेना पाया गया तो उसके खिलाफ भी भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया।