CHandigarh/Hisar: उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया है कि हिसार एयरपोर्ट से इसी साल अप्रैल में देश के विभिन्न खास शहरों के लिए हवाई सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सोमवार को एलिनेस एयर कंपनी के अधिकारियों के साथ विस्तार से बातचीत हुई है और जल्द ही इस कंपनी के साथ एमओयू किया जाएगा। डिप्टी सीएम, जिनके पास सिविल एविएशन विभाग का प्रभार भी है, ने सोमवार को यहां सिविल एविएशन एवं एलिनेस एयर कंपनी के अधिकारियों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह जानकारी दी है। सरकार ने पहले हिसार हवाई अड्डे से देश के विभिन्न भिन्न शहरों के एक नवंबर 2023 से फ्लाइट शुरू करने का निर्णय लिया था, जो संभव नहीं हो पाया था।

वायबल गैप फंडिंग से कम होगा यात्रियों का आर्थिक बोझ

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रदेश में यह एयर कनेक्टिविटी स्टेट वीजीएफ (वायबल गैप फंडिंग) के कांसेप्ट पर होगी ताकि यात्रियों को ज्यादा किराया न देना पड़े। उन्होंने बताया कि फिलहाल हिसार एयरपोर्ट से चंडीगढ़, दिल्ली, जम्मू, अहमदाबाद, जयपुर और कुल्लू के रूट पर 70 सीटर हवाई जहाज चलाने का विचार है।

समीक्षा बैठक में इन शहरों पर भी होगी चर्चा

दुष्यंत चौटाला ने बताया कि शुरू होने के 90 दिन बाद रूट्स की दोबारा समीक्षा की जाएगी और यात्रियों की डिमांड के अनुसार लखनऊ, वाराणसी, अम्बाला समेत अन्य शहरों के लिए भी हिसार से हवाई जहाज चलाए जाएंगे। डिप्टी सीएम ने बताया कि हिसार से एयर कनेक्टिविटी होने के बाद वहां पर डिफेन्स और अन्य उद्योग धंधे बढ़ जाएंगे जो कि प्रदेश में राजस्व का बहुत बड़ा स्रोत बन जाएगा।

7200 एकड़ में बन रहा एयरपोर्ट 

हिसार में 7200 एकड़ में हवाई अड्डे का निर्माण किया जा रहा है। द्वितीय चरण में 3300 मीटर लंबे रनवे का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। हवाई अड्डे की चारदीवारी का कार्य पूरा किया जा चुका है। सुरक्षा के दृष्टिगत अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप वाच टावर स्थापित किए गए हैं। कम विजिबिलिटी में जहाज को उतरने की समस्या से निपटने के लिए अत्याधुनिक तकनीक एडवांस लाइट सिस्टम लगाए गए हैं।

हिसार हवाई क्षेत्र बनाने का इतिहास

1965 में 194 एकड़ क्षेत्रफल में हिसार हवाई क्षेत्र बनना शुरू हुआ, जो 1967 में पूरा हुआ और उसी वर्ष यह चालू हो गया। 1970-71 में, दिल्ली-पटियाला-हिसार-दिल्ली मार्ग पर एक निजी तौर पर प्रबंधित हवाई सेवा शुरू की गई थी, जिसे वित्तीय व्यवहार्यता की कमी के कारण 6 महीने की अवधि के बाद समाप्त कर दिया गया था। वर्ष 1999 में, हिसार एविएशन क्लब का हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल एविएशन में विलय कर दिया गया था। हवाई अड्डे का प्रबंधन एचआईसीए द्वारा किया जाता था। यहां पर एयरो प्लेन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाता था।

हवाई अड्डे के नीचे बनेगा रेलवे स्टेशन

हिसार स्थित एयरपोर्ट से दिल्ली तक हाई स्पीड ट्रेन चलाने के प्रोजेक्ट को रेलवे प्रशासन ने जुलाई 2019 में मंजूरी दे दी थी। इस योजना के तहत हाई स्पीड ट्रेन मात्र 90 मिनट में हिसार से दिल्ली का रास्ता तय करेगी। यह ट्रेन बीच में कहीं नहीं रुकेगी। इसके लिए स्टेशन भी हिसार एयरपोर्ट के नीचे अंडरग्राउंड बनाया जाएगा, ताकि पूरी सुरक्षा व्यवस्था से यात्रियों को गुजारा जा सके। हांसी-महम रेल लाइन पूरी होने के बाद यह प्रोजेक्ट सिरे चढ़ने की संभावनाओं को भी बल मिला है।

अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की प्रमुख विशेषताएं

- 7200 एकड़ जमीन पर बनेगा। - 3300 मीटर का रनवे बनेगा। - तीसरे चरण में मुख्य रनवे के साथ दूसरा रनवे •ाी बनाया जाएगा। - एयर कार्गो-घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कार्गो विमान उतर सकेंगे। - माल ढुलाई व ट्रक आदि के लिए अलग टर्मिनल बनेगा। - घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पैसेंजर के लिए अलग-अलग टर्मिनल होंगे। - 50 एयरक्रॉफ्ट के लिए पार्किंग जगह। - रेल यातायात से एयरपोर्ट को जोड़ा जाएगा।

अब तक क्या-क्या हुई घोषणा

- मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 29 दिसंबर 2016 को हिसार में इंटरनेशनल स्तर का एयरपोर्ट बनाने की घोषणा की। - 2 मई 2017 को केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्रालय की कमेटी के साथ साइट क्लीयरेंस के प्रस्ताव पर चर्चा की गई। - 30 जून 2017 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में एयरपोर्ट के साथ लगी विभिन्न विभागों की जमीन हस्तांतरित करने पर सहमति बनी। - 19 नंबवर 2017 को 4200 एकड़ जमीन का सर्वे पूरा कर एयरपोर्ट अथॉरिटी की जमीन हैंडओवर की गई। - 16 सितंबर 2019 से शेड्यूल फ्लाइट शुरू की गई। - 19 अक्टूबर 2019 को शेड्Þयूल फ्लाइट बंद कर दी गई। - 26 जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की कि हवाई अड्डे का नाम महाराजा अग्रसेन के नाम पर रखा जाएगा। इसका नाम बदलकर महाराजा अग्रसेन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कर दिया गया है। - अप्रैल 2023 को डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने हिसार हवाई अड्डा के एक नवंबर से चालू होने की घोषणा की थी।

प्रथम चरण ये हुए कार्य

- केंद्र सरकार की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी उड़ान योजना शुरू करने के लिए हवाई पट्टी को घरेलू हवाई अड्डे के रूप में लाइसेंस देना। - 27 सितंबर 2018 को हरियाणा में पहले डीजीसीए लाइसेंस प्राप्त सार्वजनिक हवाई अड्डे के रूप में हिसार हवाई अड्डे की लाइसेंसिंग पूरी हो गई। - जनवरी 2021 में चरण-प्रथम के तहत क्षेत्रीय कनेक्टिविटी संचालन चालू किया गया। - कुछ समय के लिए घरेलू उड़ानें (एयर टैक्सी) शुरू हुई। - रनवे की लंबाई 3300 मीटर का निर्माण जारी।

द्वितीय चरण में ये काम हुए पूरे

- पर्यावरण मंजूरी। - चरण प्रथम की वन मंजूरी। - हवाई अड्डे के विकास के लिए साइट क्लीयरेंस। द्वितीय चरण में ये चल रहे कार्य - 10,000 फीट रनवे, एप्रन आदि का निर्माण। - चरण-तृतीय के विकास के लिए •ाूमि का कब्जा। - एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर की मास्टर प्लानिंग और आगे का रास्ता प्रगति पर। - विकास कार्यों के लिए एसपीबी का गठन।

तीसरा चरण में ये होंगे कार्य

- एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग। - एविएशन ट्रेनिंग सेंटर एंड एविएशन यूनिवर्सिटी। - इंटरनेशनल एयरपोर्ट। - एयरोट्रोपॉलिस-कमर्शियल एंड रेजीडेंशियल।

वर्जन

रनवे का कार्य लगभग पूरा महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे पर द्वितीय चरण का कार्य जोरों पर है। रनवे का कार्य लग•ाग पूरा हो चुका है। दोबारा लाइसेंस रिनुअल करवाया जाएगा। द्वितीय चरण के कार्य के बाद हवाई अड्डे पर एयरो प्लेन उड़ाने का प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा।