हिसार से सांसद बृजेंद्र सिंह ने आज भाजपा से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बृजेंद्र सिंह का इस्तीफा बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दरअसल, हिसार लोकसभा सीट ऐसी है, जिस पर चौधरी बीरेंद्र सिंह और भजनलाल के परिवार का दबदबा रहा है। यही नहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव में इनेलो से दुष्यंत चौटाला ने भी बतौर प्रत्याशी जीत हासिल की थी। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला को बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह ने हरा दिया था, जबकि भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई तीसरे स्थान पर रहे थे। कांग्रेस की बात करें तो 2004 के बाद से हिसार लोकसभा सीट पर जीत हासिल नहीं हो पाई। अब बृजेंद्र सिंह के कांग्रेस में शामिल होने से खासी उम्मीद जगी है।
हिसार लोकसभा सीट 1952 में बनी
हिसार लोकसभा सीट 1952 अस्तित्व में आई थी। यहां भजनलाल और चौधरी बीरेंद्र सिंह के परिवारों का दबदबा रहा है। इस लोकसभा सीट में 9 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं। इनमें हिसार, उचाना कलां, आदमपुर, उकलाना, नारनौंद, हांसी, बरवाला, नलवा, बवानी खेड़ा शामिल हैं। कांग्रेस ने 1952 से लेकर 2004 तक हिसार लोकसभा सीट पर सात बार जीत हासिल की थी। आखिरी बार 2004 में कांग्रेस के जयप्रकाश ने जीत हासिल की थी, लेकिन इसके बाद से कोई भी प्रत्याशी नहीं जीत सका। अब बृजेंद्र सिंह के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को 20 साल बाद इस सीट पर जीत की उम्मीद जग रही है।
2004 से 2019 तक हिसार लोकसभा सीट का नतीजा
कांग्रेस के प्रत्याशी जयप्रकाश ने 2004 में हिसार लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। इसके बाद 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस के भजन लाल हिसार के सांसद बने और कांग्रेस प्रत्याशी संपत सिंह को 6,983 वोटों से हराया। भजनलाल के निधन के बाद उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई हिसार लोकसभा उपचुनाव से जीत हासिल कर सांसद बने।
2014 में इनेलो से दुष्यंत चौटाला ने इस सीट पर जीत हासिल की। उन्होंने कुलदीप बिश्नोई को 31, 847 वोटों से हराया, जबकि संपत सिंह तीसरे स्थान पर रहे।
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के बृजेंद्र सिंह ने जेजेपी के दुष्यंत चौटाला को 3 लाख 14 हजार 68 वोटों हराया, जबकि कांग्रेस के भव्य बिश्नोई तीसरे स्थान पर रहे। बृजेंद्र सिंह को 51 फीसद, दुष्यंत चौटाला को 25 फीसद और भव्य बिश्नोई को महज 15 फीसद वोट मिले थे। अब कुलदीप बिश्नोई और दुष्यंत चौटाला, दोनों बीजेपी में हैं, लिहाजा हिसार लोकसभा सीट पर लंबे समय से खींचतान चल रही थी, जिसका नतीजा आज सामने आ चुका है।