Rohtak: एमडीयू में नई शिक्षा नीति के तहत पांच गुना तक बढ़ाई गई फीस के खिलाफ इनसो के सदस्यों ने एमडीयू रजिस्ट्रार का घेराव किया। इनसो सदस्यों ने एमडीयू प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तो रजिस्ट्रार गुलशन तनेजा छात्रों के बीच पहुंचे और उनकी बात सुनते हुए मांग पत्र लिया। इनसो छात्र नेता दीपक मलिक ने कहा कि एमडीयू में पांच गुना तक फीस बढ़ाई गई है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय ने स्नातक कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया को लेकर प्रॉस्पेक्टस जारी कर दिया है। इसमें नए सत्र से एनईपी (नई शिक्षा नीति) के तहत नए कोर्स शुरू किए गए हैं। कोर्सों की फीस भी पांच गुना बढ़ा दी गई है। स्नातक कोर्स भी अब तीन के बजाय चार साल में पूरा होगा।
एमडीयू ने कोर्सों की फीस 4 से 5 गुना तक बढ़ाई
छात्र नेता दीपक मलिक ने बताया कि एमडीयू ने कई कोर्सों की फीस बढ़ाई है। प्रॉस्पेक्टस में ऐसे और भी कोर्स दिए गए हैं, जिनकी फीस चार से पांच गुना तक बढ़ाई गई है। यह फीस वृद्धि के नाम पर विद्यार्थियों से खुली लूट है। यह एक तरह से यूनिवर्सिटी के दरवाजे आम परिवारों के बच्चों के लिए बंद करने का फरमान है। यह फीस वृद्धि निसंदेह गरीब और मध्यम वर्ग के छात्रों के शिक्षा के अधिकार का हनन है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर स्नातक को तीन साल से बढ़ाकर चार साल कर दिया गया है। फीस वृद्धि और चार साल का ग्रेजुएशन कोर्स शिक्षा के निजीकरण और व्यापारीकरण को बढ़ावा देने की और कदम है। दिल्ली यूनिवर्सिटी में चार वर्षीय स्नातक कोर्स का परीक्षण फेल हो चुका है। कुछ दिन पहले ही कर्नाटक सरकार ने चार वर्षीय स्नातक कोर्स को वापस लिया। इसके बावजूद सरकार व यूनिवर्सिटी प्रशासन इसे लागू करने पर अड़ा है।
फीस बढ़ोतरी का नुकसान ग्रामीण युवाओं को सबसे अधिक
छात्र नेता दीपक मलिक ने कहा कि फीस बढ़ोतरी का सीधा नुकसान गांव में बसने वाले उस गरीब किसान मजबूर परिवार को होगा, जो देश को बिना मुनाफे के अन्न पैदा करके देता है। ये आम परिवार के बच्चों को शिक्षा से वंचित की साजिश है। एमडीयू रजिस्ट्रार प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच पहुंचे और शांति से छात्रों के तर्क सुने व छात्रों ने अपना मांगपत्र एमडीयू रजिस्ट्रार गुलशन तनेजा को सौंपा। एमडीयू रजिस्ट्रार ने छात्रों को विश्वास दिलाया कि जल्द ही इस मामले में फैसला लिया जाएगा। छात्र नेता दीपक मलिक ने चेतवानी देते हुए कहा कि अगर ये फैसला वापिस नहीं हुआ तो सभी छात्र मिलकर धरना देंगे। ये फैसला छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, इस आंदोलन को बड़ा आंदोलन बनाकर फैसला वापिस करवाकर दम लेंगे।