दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे अंतरराष्ट्रीय आहार मेला को आज दूसरा दिन है। 7 से 11 मार्च के बीच चलने वाले इस आहार मेले में खाद्य उत्पाद के साथ मशीनरी से संबंधित विभिन्न प्रकार की स्टॉल लगाई गई हैं। हरियाणा की ओर से भी 14 स्टॉल लगाए गए हैं। खास बात है कि हरियाणा के दूध, दही की तरह यहां की सोया चाप भी लोगों को खूब पसंद आ रही है। अगर आप भी इस चाप की विशेषताएं जानेंगे, तो आप भी प्रगति मैदान जाकर इसका स्वाद जरूर चखना चाहेंगे। सबसे पहले इस स्टॉल का नाम बताते हैं, जिससे आपको वहां पहुंचने में किसी प्रकार की दिक्कत न आए।
प्रगति मैदान के हरियाणा पैवेलियन में बादशाह चाप के नाम से स्टॉल लगाया गया है। इसके नाम के मुताबिक स्टॉल मालिक की वेशभूषा भी बादशाह जैसी है, जिससे दर्शक खासे आकर्षित हो जाते हैं। गुरुग्राम के महेंद्र अरोड़ा का कहना है कि उन्होंने छोटी सी दुकान खोलकर सोया चाप के व्यवसाय में कदम रखा था। उद्देश्य यह था कि लोगों को पौष्टिक और शुद्ध शाकाहारी आहार मिले। लोगों को हमारी चाप पसंद आई, जिससे हमें कारोबार आगे बढ़ाने में मदद मिली। उन्होंने बताया कि अब हमारा सालाना टर्नओवर 18 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
वेशभूषा बादशाह जैसी क्यों?
महेंद्र अरोड़ा बताते है कि इसके पीछे की सोच यह है कि अगर बादशाह जैसी पोषाक पहनेंगे, तो सोच भी बादशाह वाली हो जाएगी। उनकी दुकान में काम करने वाले सभी कर्मचारी बादशाह के लुक वाली ड्रेस पहनते हैं। हमारी चाप का स्वाद एक बार ले लिया जाए तो जिंदगी भर नहीं भूलाया जा सकता। उन्होंने कहा कि इसी तरह हमारी वेशभूषा भी याद रहेगी।
सोया चाप नॉन वेज से भी ज्यादा स्वादिष्ट
बादशाह चाप के मालिक महेन्द्र अरोड़ा ने आगे बताया कि हम शुद्ध और शाकाहारी चाप बना रहे हैं। इससे जहां जीव जंतुओं की रक्षा हो रही है, वहीं दूसरी तरफ पौष्टिकता में भी किसी प्रकार की कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद यही सोच थी कि बिजनेस करना है। 2011 में छोटी दुकान शुरू करके सोया चाप बनाने का काम शुरू कर दिया। हमारी सोया चाप इतनी स्वादिष्ट है कि स्वाद के लिए व्यंजन मीट की तलाश करने वाले लोगों के लिए भी यह बेहतरीन विकल्प मिल गया है।
36 से अधिक महिलाओं को रोजगार से जोड़ा
उन्होंने बताया कि हमने गुरुग्राम की 36 महिलाओं को अपने व्यवसाय से जोड़ा है। वे हमारी फैक्ट्री में काम करके अपनी आजीविका चला रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि अपने बिजनेस का विस्तार करके ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दे सकें। अंत में उन्होंने बताया कि हमारी सोया चाप को बनाने में हाईजैनिक टेक्निक का इस्तेमाल किया जाता है। मशीनों की सहायता से इन्हें बनाया जाता है और पौष्टिकता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाता है।