Hisar: पुलिस की वाहन चोरी निरोधक टीम ने डीएसपी गौरव शर्मा के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए सार्वजनिक और सरकारी जगहों पर लगे लोहे के गेट चोरी के मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया। इन आरोपितों में नंगथला में रह रहे मंडी आदमपुर निवासी बलजीत सिंह, अरुण व राहुल शामिल है। इनकी गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने चोरी की 30 वारदातें सुलझाई। पुलिस ने तीनों को अदालत में पेश किया, जहां से अरूण को जेल भेज दिया गया, जबकि बलजीत व राहुल को पूछताछ के लिए तीन दिन के रिमांड पर लिया गया।

बर्तन बेचने के बहाने करते रैकी, फिर करते चोरी

आरोपित अरुण व राहुल सगे भाई हैं और बलजीत इनका पिता है। ये तीनों आपस में मिलकर लोहे के गेट चोरी की वारदात को अंजाम देते। आरोपित बलजीत ने लगभग दो साल पहले पिकअप गाड़ी खरीदी। इस पर आरोपित बलजीत और अरुण कबाड़ी का सामान लेकर उसके बदले में बर्तन फेरी लगाकर बेचते थे। इसके बाद इन्होंने गांव नगथला में किराए का मकान लिया। गांव-गांव फेरी लगाकर कबाड़ के बदले बर्तन बेचने पर इन्होंने देखा कि ज्यादतर गांव से बाहर के रास्तों पर सरकारी जगह पर लोहे व स्टील के गेट लगे हुए हैं और उन पर रात के समय चोकीदार भी नजर नहीं आते। इसके बाद ये योजनानुसार दिन के समय फेरी लगाते हुए अलग-अलग गांवों में जाकर रेकी करते और रात के समय लोहे व स्टील के गेटों को लोहे के औजारों की सहायता से उतार कर स्क्रैप बनाकर उन्हें कबाड़ के साथ अलग-अलग कबाड़ियों को बेच देते।

अधिकतर सरकारी जगहों से चोरी किए गेट 

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपितों ने अपनी योजना के अनुसार अधिकतर स्कूल, पार्क, जलघर, नागरिक अस्पताल, पशु अस्पताल, खेल मैदान, सोसायटी व ग्राम सचिवालयों सहित सरकारी जगहों को निशाना बनाया। इसमें इनको आसानी ये होती कि इन स्थानों पर चौकीदार भी नहीं होता था आरोपितों से हुई पूछताछ का हवाला देते हुए पुलिस उप अधीक्षक गौरव शर्मा ने बताया कि आरोपित बलजीत पहले प्लंबर का काम करता था। अरुण नौंवी व राहुल छठी कक्षा तक पढ़ा लिखा है। आरोपियों से आगामी पूछताछ जारी है।