Chandigarh Murder case: शनिवार को चंडीगढ़ कोर्ट में पंजाब पुलिस के पूर्व AIG ने भारतीय राजस्व सेवा (IRS)के पद पर कार्यरत अपने दामाद की गोली मारकर हत्या कर दी। ऐसा कहा जा रहा है कि मृतक का अपनी पत्नी के साथ तलाक का केस चल रहा था। हमला उस दौरान हुआ जब मृतक केस की सुनवाई के लिए कोर्ट पहुंचा था। फिलहाल आरोपी ससुर पुलिस की गिरफ्त में है।

केस की सुनवाई के लिए गया था मृतक

पुलिस का कहना है कि हरप्रीत सिंह कृषि विभाग में अफसर थे। कुछ साल पहले उनकी शादी डॉ. अमितोज कौर के साथ हुई थी। लेकिन दोनो का कोर्ट में तलाक का केस चल रहा था। 2023 में तलाक का केस फाइल किया गया था। फिलहाल अमितोज कौर कनाडा में रहती हैं। विदेश में रहने के कारण अमितोज कौर ने अपने पिता मालविंदर सिंह सिद्धू को सुनवाई की पावर ऑफ अटॉर्नी दी हुई थी। कोर्ट ने केस 5 महीने पहले मीडिएशन (मध्यस्थता) सेंटर के हवाले कर दिया था।

कोर्ट परिसर में फायरिंग

शनिवार 3 अगस्त को कोर्ट में सुनवाई  के दौरान दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही थी। इस बीच अमितोज कौर के पिता मालविंदर सिंह सिद्धू ने बाथरुम जाने के लिए कहा। बाथरूम का रास्ता दिखाने के बहाने से मालविंदर सिंह सिद्धू ने दामाद हरप्रीत को मीडिएशन सेंटर से बाहर लेकर आ गया। मौका पाकर ससुर ने अपने दामाद हरप्रीत पर 5 राउंड फायरिंग की जिसमें 2 गोलियां हरप्रीत को सिंह को लग गई। तुरंत आसपास मौजूद लोगों ने हरप्रीत को अस्पताल पहुंचाया लेकिन वहां पर इलाज के दौरान हरप्रीत सिंह की मौत हो गई।

पूर्व AIG पुलिस की गिरफ्त में

चंडीगढ़ की SSP कंवरदीप कौर ने इस मामले में बताया कि उन्हें करीब 2 बजे घटना के बारे में पता लगा। इसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के कब्जे से.32 बोर का पिस्टल बरामद किया गया है। इस मामले में पुलिस का कहना है कि  जिस फ्लोर पर मीडिएशन सेंटर है, वहां CCTV कैमरे नहीं लगे हुए। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने घटना की वीडियो भी बनाई है। उन लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। इसके अलावा घटनास्थल से 4 खोल बरामद किए गए हैं, जबकि 3 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।

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पहले भी लगे थे गंभीर आरोप

जांच में सामने आया है कि इससे पहले भी पूर्व AIG मालविंदर सिंह सिद्धू विवादों से घिरे रहे हैं। साल 2023 में भी  पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने मालविंदर सिंह सिद्धू और उसके साथियों के खिलाफ  जबरन वसूली, धोखाधड़ी और रिश्वत लेने का मुकदमा दर्ज हुआ था। सरकारी गाड़ी का  दुरुपयोग करने,सरकारी के खिलाफ गलत शिकायत देकर उन्हे ब्लैकमेल करने जैसे आरोप लगे थे।