Sonipat: कुंडली थाना क्षेत्र के प्याऊ मनियारी-नरेला रोड स्थित दहिया कॉलोनी की गणेश कत्था फैक्टरी में जोरदार धमाके के साथ बॉयलर फटने के बाद मलबे में दबकर दिल्ली में जान गंवाने वाले तीन अन्य श्रमिकों के शवों की पहचान हो गई है। पहचान के बाद पुलिस ने तीनों शवों का दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। मृतकों में दो बिहार तो एक उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी का रहने वाला था। मौके पर जान गंवाने वाले तीन अन्य के शव पहले ही परिजनों को सौंपे जा चुके हैं। पुलिस अभी तक फैक्टरी मालिकों के बारे में सुराग नहीं लगा सकी है, जिससे श्रमिकों के परिजनों में पुलिस के खिलाफ रोष बढ़ने लगा है।

15 मई को फैक्टरी में बॉयलर फटने से हुआ था हादसा

बता दें कि प्याऊ मनियारी में नरेला रोड पर स्थित गणेश इंटरप्राइजेज में कत्था बनाया जाता था। फैक्टरी में 15 मई रात को छह श्रमिक कार्यरत थे। रात करीब साढ़े 11 बजे तेज धमाके के साथ फैक्टरी में बॉयलर फट गया, जिससे चार मंजिल के भवन में चलाई जा रही फैक्टरी का लेंटर गिर गया। फैक्टरी में मलबे से मूलरूप से बिहार के जिला पश्चिमी चंपारण के बेतिया स्थित गांव अहीरोलिया के गुलाब कुर्मी व बेतिया के गांव भीकमपुर निवासी ब्रजेश  का शव बरामद कर लिया गया। वहीं बिहार के जिला मोतिहारी के गांव मठलोहिया निवासी सुखदेव का शव डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की टीम ने 20 घंटे बाद बरामद किया था। पुलिस ने मामले में सुखदेव पंडित के बेटे चंदन के बयान पर फैक्टरी मालिक सुरेश बंसल, सुशील बंसल और अक्षत गुप्ता, ठेकेदार संदीप और मैनेजर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया था।

3 श्रमिकों की दिल्ली अस्पताल में हुई मौत

हादसे में घायल तीन अन्य श्रमिकों की दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में मौत हो गई थी। शुरूआत में उनके पैतृक गांव के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी थी। पुलिस की जांच के बाद शवों की पहचान हो सकी। शव उत्तर प्रदेश के जिला लखीमपुर खीरी के गांव धरधनिया निवासी रमेश कुमार, बिहार के जिला पश्चिमी चंपारण के गांव बनौरा निवासी दिनेश पासवान व प्रदीप के थे। पुलिस ने मंगलवार को तीनों शवों का दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में पोस्टमार्टम करा दिया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

सप्ताह बाद भी पुलिस नहीं लगा पाई फैक्टरी मालिकों का सुराग

सप्ताह भर पहले हुई घटना में पुलिस की जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभी तक पुलिस के पास आरोपितों के महज नाम ही हैं। उनके बारे में पुलिस पता लगाने का दावा ही कर रही है। वहीं फैक्टरी में कार्यरत सभी छह श्रमिकों की मौत हो चुकी है। ऐसे में श्रमिकों से भी मदद मिलने की उम्मीद खत्म हो चुकी है। उपायुक्त ने मामले की जांच एसडीएम सोनीपत को सौंपी है। उन्होंने जांच के लिए रिकॉर्ड तलब करना शुरू कर दिया है। इसके बाद मामले में गहनता से जांच कर ठोस कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम अमित कुमार ने कहा कि मामले को लेकर गंभीरता से जांच की जा रही है। संबंधित थाना व प्रशासनिक अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की जा रही है। रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को सौंपी जाएगी। जांच के बाद विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।