Mahendragarh: नए शिक्षा सत्र 2024-25 के शुरूआत में ही सरकारी स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों को विभाग द्वारा पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो। शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर स्कूल में वर्तमान संख्या से 5 प्रतिशत से अधिक डिमांड भेजने को कहा। स्कूलों को अब बच्चों की संख्या से पांच प्रतिशत अधिक संख्या की डिमांड भेजनी होगी, जिसको लेकर स्कूलों में मुखिया ने तैयारी शुरू कर दी है।
सरकारी स्कूल में पहली से 8वीं तक मुफ्त दी जाती है किताब
बता दें कि शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले कक्षा पहली से आठवीं तक विद्यार्थियों को नि:शुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं। लेकिन अक्सर विद्यार्थियों को समय पर किताबे नहीं मिल पाती। इसका असर उनके परीक्षा परिणाम पर भी पड़ता हैं। इसी को देखते हुए शिक्षा विभाग की ओर से नए शैक्षणिक सत्र की तैयारियां अभी से आरंभ कर दी हैं। इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को स्कूल में पढ़ने वाले पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों का डाटा उपलब्ध करवाने के लिए निर्देश दिए हैं, ताकि नए शैक्षणिक सत्र के शुरू होने से पहले पुस्तकों की छपाई कराई जा सकें।
स्कूलों को पांच प्रतिशत बढ़ाकर भेजनी होगी डिमांड
स्कूलों में एक्सेल में विद्यार्थियों की संख्या की रिपोर्ट तैयार करके भेजनी होगी। उदाहरण के तौर पर अगर किसी स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या 100 है तो स्कूल में 105 विद्यार्थियों की डिमांड भेजनी होगी। कक्षा दूसरी के लिए पाठ्यक्रम पुस्तकों की डिमांड के लिए कक्षा पहली के विद्यार्थियों की संख्या लिखनी होगी। नए शिक्षा सत्र में पहली कक्षा के विद्यार्थी कक्षा दूसरी में दाखिला लेंगे। इसलिए पुस्तकों की डिमांड के लिए पिछली कक्षा की छात्र संख्या के अनुसार लिखना होगा।