Bahadurgarh: गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू के नजदीकी बदमाश अमित गुलिया का भी नफे सिंह हत्याकांड में रोल मिलने की पूरी संभावना है। चर्चा है कि हत्याकांड में अमित ने ही दो शूटरों की व्यवस्था की और उनका संपर्क सिग्नल एप के जरिए ब्रिटेन में छिपे नंदू से कराया। हालांकि पुलिस ने अभी इस संबंध में पुष्टि नहीं की है। फिलहाल अमित से पूछताछ जारी है। पूछताछ में उससे हत्याकांड के संबंध में कुछ और जरूरी तथ्य निकलकर सामने आने की संभावना है। ऐसे में देखने वाली बात है कि पुलिस कब इस पूरे मामले को सुलझा पाती है।

25 फरवरी को हुई थी वारदात

25 फरवरी को पूर्व विधायक नफे सिंह राठी और उनके साथी कार्यकर्ता जयकिशन की गोलियां मारकर हत्या की गई थी। कार में सवार होकर आए चार बदमाशों ने इस वारदात को अंजाम दिया था। इनमें से दो शूटर आशीष व सौरव को पुलिस गोवा से काबू कर जेल भेज चुकी है। वहीं शूटरों को गाड़ी उपलब्ध कराने वाला बदमाश धर्मेंद्र भी जेल में भेजा जा चुका है। हत्याकांड हुए एक महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन इस केस में मात्र तीन ही गिरफ्तारियां हो पाई हैं। फरार शूटर अतुल व नकुल का कोई सुराग नहीं है। न ही अभी तक नामजद 12 आरोपियों में से किसी को गिरफ्तार किया जा सका है।

वारदात में नंदू गैंग का नाम

इस हत्याकांड में शुरू से ही ब्रिटेन बेस्ड गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू का नाम सामने आ रहा है। मामले में पकड़े जा चुके तीन अपराधी व फरार अतुल तथा नकुल भी इसी गैंग के हैं। नंदू का बड़ा भाई ज्योति बाबा दिल्ली की तिहाड़ जेल में है, तो वहीं उसके कई नजदीकी साथी बदमाश मंडोली जेल में बंद हैं। इसलिए पुलिस उन पर लगातार नजर बनाए हुए थी। चर्चा तो ये भी है कि जेल में ही नफे सिंह की हत्या का प्लान बनाया गया। मामले में तहकीकात बढ़ती रही तो एक और नाम सामने आया। ये नाम है अमित गुलिया का, जो गैंगस्टर नंदू का करीबी रहा है। फिलहाल मंडोली जेल में बंद था।

दो शूटरों की व्यवस्था कराई

पुलिस को उम्मीद थी कि इस गैंगस्टर से पूछताछ की जाए तो मामले में कुछ सुराग मिल सकता है। इसलिए गत एक अप्रैल को पुलिस इसे प्रोडक्शन वारंट पर लाई और आठ दिन के रिमांड पर ले लिया। फिलहाल चार दिन से इससे पूछताछ जारी है। अमित गुलिया बादली के नजदीक लाडपुर गांव का रहने वाला है। करीब 29 वर्षीय इस बदमाश पर हत्या, लूट, डकैती सहित 30 आपराधिक मामले दर्ज बताए जाते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस हत्याकांड में अमित का भी अहम रोल रहा है। इसने ही आशीष और सौरव नाम के दो शूटरों की व्यवस्था की थी। आशीष और सौरव को मैसेज दिया था कि सिग्नल एप डाउनलोड करें, भाई (नंदू) तुमसे संपर्क करेंगे। हालांकि इसकी असल सच्चाई पुलिस की पुष्टि के बाद ही सामने आ सकेगी।

नहीं हो पाया मास्टरमाइंड का खुलासा

मामले में अमित से क्या कुछ खुलासा हुआ है, अभी पुलिस ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। हालांकि अभी इसका चार दिन का रिमांड और बाकी है। जांच के लिए गठित एसआईटी व अन्य अधिकारी लगातार पूछताछ में जुटे हैं। ऐसे में देखने वाली बात ये है कि इससे पुलिस क्या कुछ उगलवा पाती है। बहरहाल, एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस वारदात के कारण और साजिशकर्ताओं का खुलासा नहीं हो सका है। परिजन व समर्थक न्याय के इंतजार में हैं। वहीं इनेलो नेता अभय चौटाला द्वारा भी एक सप्ताह का समय देते हुए चेतावनी दी गई है। दूसरी तरफ अधिकारी लगातार यही कह रहे हैं कि जल्द ही वारदात सुलझाई जाएगी।