Narnaul: राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर सेहलंग-बागोत के बीच वाहनों के एंट्री-एग्जिट कट देने की मांग को लेकर ग्रामीणों द्वारा 13 मार्च से शुरू किए गए अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे एक ग्रामीण की ठिठुरती सर्दी के चलते हृदयघात से मौत हो गई। किसानों ने मृतक के परिवार को उचित मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की। साथ ही ग्रामीणों ने धरने पर दो मिनट का मौन भी धारण कर शोक प्रकट किया।
जिंदगी की आखिरी सांस तक धरने पर डटा रहा गौरी शंकर
धरना संघर्ष समिति के प्रधान विजय सिंह तथा सूबेदार सुखबीर सिंह ने बताया कि जिंदगी के आखिरी पड़ाव तक धरने पर डटे रहने वाले पंडित गौरी शंकर वासी बाघोत को उस समय हृदयघात हुआ, जब वे धरना स्थल पर बैठे थे। अचानक से उनके सीने में दर्द हुआ। धरना स्थल पर बैठे ग्रामीण उन्हें तत्परता से सेहलंग के निजी अस्पताल लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने उसका उपचार कर दिया। दूसरे दिन तकलीफ के चलते उसे पुन: अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। धरनारत ग्रामीणों ने उन्हें शहीद मानते हुए सरकार से मृतक ग्रामीण के परिजनों को उचित मुआवजा तथा परिवार के सदस्य को नौकरी देने की मांग की। धरने पर बैठे ग्रामीणों ने दो मिनट का मौन धारण कर उनके निधन पर शोक जताया।
धरना कमेटी के सक्रिय सदस्य की मृत्यु से ग्रामीणों में शोक की लहर
धरने पर बैठे ग्रामीणों ने कहा कि धरना कमेटी के सक्रिय सदस्य रहे गौरी शंकर की शहादत व्यर्थ नहीं जाने दी जाएगी। केंद्र एवं प्रदेश सरकार मनमर्जी पर उतर रही हैं। भविष्य में होने वाले लोकसभा तथा विस चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। साढे़ 10 माह के आंदोलन के दौरान दर्जनभर से अधिक ग्रामीण बीमार हो चुके हैं, जिनका कहीं-न-कहीं उपचार जारी है। सरकार जानबूझ कर उनकी मांग को अनदेखा कर रही हैं। सूबेदार सुखबीर सिंह ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा शुरू किया गया अनिश्चितकालीन धरना मंगलवार को 310वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता नरेंद्र शास्त्री छितरोली ने की। उन्होंने कहा कि पिछले साढे़ 10 माह से जारी धरने को लेकर सरकार की ओर से कट बनाने का आश्वासन मिला, लेकिन कार्य शुरू नहीं किया। जब तक कार्य शुरू नहीं हो जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।