Air Pollution: हरियाणा में प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्रियों पर करोड़ों का जुर्माना लगाया गया है। लेकिन अब तक इस जुर्माने को वसूला नहीं गया है। इसे लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) इस मामले में सख्ती बरतने के लिए कहा है। इस मामले में समाजसेवी वरूण गुलाटी ने NGT से शिकायत की थी, जिसके बाद NGT ने हरियाणा सरकार और HSPCB को कड़े निर्देश दिए हैं।  

NGT को शिकायत में क्या बताया ?

वरूण गुलाटी ने NGT से की गई शिकायत में बताया कि हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदेश में  प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्रियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। नियमों का उल्लंघन होने पर HSPCB ने इंडस्ट्रियों पर करीब  230 करोड़ का जुर्माना लगाया था। लेकिन जुर्माने को वसूला नहीं किया गया। जिसकी वजह से प्रदूषण लगातार बढ़ता गया। वरुण गुलाटी ने बताया कि जब उन्होंने 2023-2024 में प्रदेश भर की इकाइयों पर की गई रेड और जुर्माने का पता लगा तो वह दंग रह गए।  जिसके बाद वरुण गुलाटी  एनजीटी पहुंच गए, और शिकायत दर्ज करवाई।

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अगली सुनवाई कब होगी ?

समाजसेवी वरुण गुलाटी की शिकायत के बाद NGT के आदेश पर वकील भी पेश हुए। फिलहाल वकीलों ने इस मामले में सटीक जवाब देने के लिए  NGT से समय मांगा है। जिसके बाद एनजीटी ने इस मामले पर अगली सुनवाई की तिथि 13 फरवरी 2025 तय की है।

एनजीटी ने इस पर एक्शन लेते हुए बोर्ड के अलावा हरियाणा सरकार से भी जवाब तलब किया है। डाटा में सामने आया है कि  प्रदूषण फैलाने में सबसे ज्यादा गुरुग्राम की इंडस्ट्रियां है। इंडस्ट्रियों से जुर्माना वसूलने के बाद बोर्ड द्वारा पर्यावरण को बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। 

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