Nuh: जिले में पंचायत चुनाव को हुए करीब एक साल से अधिक समय पूरा हो गया है। चुनावों में हारे और विरोधी पक्ष की ओर से निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के विरुद्ध विभिन्न प्रकार की शिकायतें की गई। जिनके संबंध में प्रशासन की ओर से जांच और कार्रवाई जारी है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़ने वालों के विरुद्ध सबसे ज्यादा शिकायतें हुई। जिला प्रशासन ने भी ऐसे कई मामलों में सरपंचों को बर्खास्त किया। अभी भी कई ग्राम पंचायतों की महिला सरपंचों के विरुद्ध की गई शिकायतों की जांच जारी है, जिनपर बर्खास्तगी की तलवार लटकी हुई है। हालांकि कुछ निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को जिला प्रशासन की ओर से जांच के बाद क्लीन चिट भी मिली है।

ग्राम पंचायत सिरौली, आंधाकी व बड़ाह की सरपंच पर लटकी तलवार

इकबाल, लायक नम्बरदार, खुर्शीद अहमद, हमीदा फारुख आदि शिकायतकर्ताओं के माध्यम से मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत सिरौली, आंधाकी और बड़ाह की निर्वाचित हुई महिला सरपंचों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़ा था। खास बात यह है कि उपरोक्त तीनों सरपंचों ने नामांकन पत्रों में जो अपने आठवीं के शैक्षणिक दस्तावेज लगाए थे, वह सभी मथुरा उत्तर प्रदेश लक्ष्मी नगर के प्रेम बाल जूनियर हाई स्कूल के नाम पर जारी हुए थे। मामले में की गई शिकायत की जांच हुई तो यह खुलासा हुआ। उत्तर मथुरा से संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी ने अपनी जांच में बताया कि उपरोक्त दस्तावेजों के संबंध में कोई भी रिकॉर्ड नहीं मिला। जांच के दौरान नूंह डीसी की ओर से आरोपी महिला सरपंचों को कई बार पत्राचार करने के बाद अपना पक्ष रखने और जांच में सहयोग के लिए तलब किया, लेकिन तीनो महिला सरपंच जांच में शामिल नहीं हुई।

30 जनवरी को अपना पक्ष रखने के लिए डीसी ने बुलाया

19 जनवरी को उपरोक्त तीनों महिला सरपंचों को डीसी की ओर से आगामी 30 जनवरी को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है। साथ ही चेतावनी दी कि यदि 30 जनवरी को सबूत और अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए उपस्थित नहीं हुई तो कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में अब माना जा रहा है कि इन महिला सरपंचों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। बता दें कि नूंह जिले में करीब दो दर्जन से अधिक शिकायतें फर्जी दस्तावेजों को लेकर की गई। करीब आधा दर्जन पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए बर्खास्त किया। कई की जांच अभी भी लंबित है। एक जानकारी के अनुसार जिला परिषद के वार्ड नंबर एक से निर्वाचित जिला पार्षद सदस्य, तावडू खण्ड की ग्राम पंचायत भंगवो और बेरी की महिला सरपंचों को ही अभी तक फर्जी दस्तावेजों को लेकर की गई शिकायतों के बाद जांच में क्लीन चिट मिली है।