Nuh violence News। गत वर्ष अगस्त माह में शिव की शोभा यात्रा के दौरान नूंह में हुए पत्थराव व आगजन के बाद सरकार ने आरोपियों की प्रॉपर्टी पर बुल्डोजर चला दिया था। जिनमें से एक ने अब खुद को निर्दोष बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका कर बुल्डोर से खुद की प्रॉपर्टी व भावनात्मक नुकसान की भरपाई करवाने की मांग की है।
कई इमारतों को बनाया था निशाना
याचिकाकर्ता अकील हुसैन व अन्य ने हाईकोर्ट को बताया कि मेवात क्षेत्र में अगस्त 2023 में हिंसा हुई थी। इस हिंसा के बाद हरियाणा सरकार ने मेवात क्षेत्र में मौजूद कई इमारतों को निशाना बनाया और बुलडोजर चलवा दिया। यह कार्रवाई करते हुए लोगों को सुनवाई का मौका तक नहीं दिया गया। मनमाने ढंग से याचिकाकर्ता को कोई पूर्व सूचना दिए बिना उनका निर्माण ध्वस्त कर दिया गया।
यह भी लगाया आरोप
याचिका में आरोप लगाया गया कि प्रशासन द्वारा उनको सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया, जिससे वह अपने आश्रय से वंचित हो गया है। निर्माण ध्वस्त होने से याचिकाकर्ताओं को वित्तीय और भावनात्मक नुकसान हुआ है और याचिकाकर्ता का शांतिपूर्ण जीवन पूरी तरह से बर्बाद हो गया। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया देते हुए कहा गया कि अवैध ढंग से निर्माण गिराने पर पीड़ित मुआवजे का हकदार होता है।
हाईकोर्ट ने लिया था स्वतं संज्ञान
याची ने बताया कि गत वर्ष हाईकोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए नूंह में सांप्रदायिक झड़पों के बाद निर्माण गिराने के अभियान पर रोक लगा दी थी। तब नूंह के उपायुक्त द्वारा दायर जवाब में कहा गया था कि कानून की तय प्रक्रिया का पालन किए बिना क्षेत्र में कोई भी विध्वंस गतिविधि नहीं की गई।
विधायक मामन खान व मोनू मानेसर का भी जुड़ा था नाम
अगस्त में शोभायात्रा के दौरान हिंसा व आगजनी के इस मामले से कांग्रेस विधायक मामन खान व गोरक्ष दल के मोनू मानेसर का भी नाम जुड़ा था। नूंह हिंसा से पहले विधायक मामन खान ने विधानसभा में नासिर जुनैद की हत्या से जोड़कर मोनू मानेसर को लेकर विवादित बयान दिया था। पुलिस ने भले ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया था, परंतु सत्ता पक्ष व विपक्ष अब भी नूंह हिंसा में मामन खान व मोनू मानसेर से जोड़कर अक्सर एक दूसरे पर निशाना साधा जाता है।