योगेंद्र शर्मा, हरियाणा: 4 जून के बाद आचार संहिता की तलवार हट जाने के बाद राज्य की अफसरशाही में बड़े बदलाव की तैयारी है। इतना ही नहीं, सीएम नायब सैनी और पूर्व सीएम मनोहरलाल ने यह भी साफ कर दिया कि इस तरह के लोगों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि सीएमओ (मुख्यमंत्री आफिस) में जहां कुछ चेहरों में बदलाव होगा। वहीं कुछ अफसरों के दिल्ली केंद्र में जाने की तैयारी भी है। दूसरी तरफ, चुनाव आचार संहिता के दौरान कुछ अफसरों द्वारा मनमानी करने औऱ कर्मियों द्वारा पार्टी संगठन पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के साथ ठीक व्यवहार नहीं करने वालों पर शिकंजा कसे जाने की तैयारी है। सीएम औऱ पूर्व सीएम ने यह बात सार्वजनिक तौर पर भी कह दी है।
पंचकूला में हुई बैठक के दौरान नाराज नजर आए सीएम
हरियाणा की अफसरशाही को लेकर सीएम नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर ने नाराजगी पंचकूला में बैठक के दौरान जाहिर कर दी। नाराजगी फीडबैक और कार्यकर्ताओं द्वारा कुछ मामले बताए जाने के बाद और ज्यादा बढ़ गई। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कुछ इस तरह के मामले हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि पूर्व सीएम मनोहर लाल और अब सीएम नायब सैनी मामले में गंभीर नजर आ रहे हैं जिसके कारण सीधे सीधे अफसरों को चेतावनी दी जा रही है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पंचकूला में समीक्षा बैठक के दौरान साफ कर दिया कि चार जून के बाद इस तरह के सूचीबद्ध अफसर और कर्मचारी तैयार रहे। खास बात यह है कि हरियाणा सचिवालय की अफसरशाही में इसको लेकर चर्चा भी चलने लगी है।
समीक्षा बैठक में अफसरशाही को लेकर हुई चर्चा
लोकसभा चुनाव की समीक्षा बैठक में अधिकांश समय मनमानी और अफसरशाही को लेकर जमकर चर्चा हुई। चुनाव के दौरान कुछ अफसरों द्वारा कुछ खास प्रत्याशियों की मदद के आरोप भी लग रहे हैं। कुछ अफसरों औऱ कर्मियों द्वारा खासकर कांग्रेस और जजपा को मदद करने की बातें भी समीक्षा बैठक में हुई है। सूत्रों का कहना है कि इस इनपुट के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खासे नाराज दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने मामले में मुख्यमंत्री नायब सैनी से लंबी मंत्रणा की । बताया जा रहा है कि चुनाव में पूर्व सीएम को केंद्रीय नेतृत्व द्वारा फ्री हैंड दिया था, इसलिए सभी सीटों का चुनावी प्रबंधन भी वही देख रहे थे। इस लापरवाही से यदि चुनाव में भाजपा को कुछ भी नुकसान हुआ, तो एक्शन होना स्वाभाविक है।
चुनाव में मनमानी करने वाले अफसरों की सूची सीएम ने मांगी
हरियाणा लोकसभा चुनाव के बाद समीक्षा बैठक में नायब सैनी ने साफ कर दिया कि मनमानी नहीं चलने देंगे। जिन अफसरों ने चुनाव में मनमानी की, उनकी सूची मांग ली गई है। 4 जून के बाद फैसला होगा। अफसर की निष्पक्ष छवि होनी चाहिए, न कि किसी एक व्यक्ति को लेकर काम करना चाहिए। तीन माह तक सरकार पूरा काम करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी कुछ अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने मंगलवार को एक बार फिर से साफ कर दिया कि सूचीबद्ध किए जा रहे अफसर जो किसी खास व्यक्ति और पार्टी के लिए काम कर रहे थे, बख्शे नहीं जाएंगे, उन्हें निष्पक्षता के साथ काम करना होगा।