Suicide in Jail। अदालत ने 2018 में हुई साथी मजदूर मुकेश की हत्या का दोषी मानते हुए उत्तर प्रदेश हापुड़ के कनौर निवासी 27 वर्षीय प्रभुदयाल को 20 साल कैद व 41 हजार रुपये जुमाने की सजा सुनाई। अपनी सजा पूरी होने से पहले ही प्रभुदयाल ने वीरवार को जेल के शौचालय में जंगले से शॉल के साथ फांसी का फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। प्रभुदयाल ने मरने से पहले लिखे सुसाइड नोट में न केवल अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए, बल्कि अपने कृत्य के लिए परिवार से माफी मांगी। 

रोहतक मंडल प्रशासन की पैरोल को हापुड़ प्रशासन ने लटकाया

सूचना के बाद अस्पताल पहुंचे मृतक के भाई पंकज कुमार ने बताया कि प्रभुदयाल को मंडल आयुक्त रोहतक की तरफ से 25 अगस्त से पैरोल की मंजूरी मिली थी। जिसके बाद हापुड़ प्रशासन को पत्र लिखा।  हापुड़ प्रशासन ने तीन-तीन लाख रुपये के दो बांड जमानती पेश मांगे। जिस पर परिवार ने 15-15 लाख रुपये के दो जमानती पेश किए गए। जिसके बाद हापुड़ प्रशासन की तरफ से जमानती की वैरिफिकेशन करने के लिए तीन माह का समय लगा दिया। जबकि उन्हें चार माह में जमानती पेश करने के लिए कहा गया था। पीडि़त ने बताया कि वह हापुड़ प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालयों में चक्कर काटता रहा, लेकिन उसके भाई की जमानत को लेकर प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं की गई। जिसके चलते उसका भाई कारागार में मानसिक परेशान रहने लगा और उसने यह कदम उठा लिया। 

सुसाइड नोट में यह लिखा

परिजनों की माने तो प्रभुदयाल ने चार पेज का सुसाइड नोट लिखा था। जो उसके गले में लटकता मिला। मस्ट्रिेट की मौजूदगी में उन्होंने सुसाइड नोट को पढ़ा। जिसमें दो पेज पर परिवार के सदस्यों के बारे में लिखा हुआ है और परेशानी देने के लिए परिवार से माफी मांगी गई है। दो पेज पर हापुड़ प्रशासन पर पैरोल को लेकर लापरवाही बरतने को लेकर लिखा हुआ है। नोट में देश के प्रधानमंत्री से हापुड़ प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की अपील की गई है। 

यह था मामला 

प्रभुदयाल हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा था। उसने 6 दिसंबर, 2018 की रात को हापुड़ के गांव भहना ढोलपुर निवासी मुकेश की हत्या की थी। उसके खिलाफ उत्तरप्रदेश में हापुड के गढ़ मुक्तेश्वर स्थित कल्याणपुर के सूबे सिंह ने 7 दिसंबर, 2018 को हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकेश की प्रभुदयाल के साथ बड़ी औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक फैक्टरी में नौकरी के दौरान कहासुनी हुई थी। जिसमें उसने वारदात को अंजाम दिया था। उसने अदालत ने 9 जनवरी, 2020 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

सजायाफ्ता था मृतक

शहर थाना की कोर्ट चौकी से जांच अधिकारी बलवान सिंह ने बताया कि मृतक सजायाफ्ता कैदी था। पुलिस ने मस्ट्रिेट के सामने कार्रवाई कर शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा है।  मृतक के गले में सुसाइड नोट मिला है। जिसे जांच के लिए लैब में भेजा गया है।