Sonipat: उपमंडल गोहाना को सुनियोजित तरीके से विकसित करने की दिशा में काम शुरू हो गया है। इसी कड़ी में पहली बार गोहाना के लिए 2041 का डेवलप प्लान लागू होने वाला है। इसके लिए बकायदा मास्टर प्लान का ड्राफ्ट तैयार करवाकर चंडीगढ़ भेजा जा चुका है। सबकुछ ठीक रहा तो नए साल में गोहाना क्षेत्र के लिए यह डेवलेप प्लान लागू हो जाएगा।
चंडीगढ़ से फाइनल होगा ड्राफ्ट
मास्टर प्लान 2041 के नाम से सोनीपत के जिला नगर योजनाकर विभाग द्वारा मास्टर प्लान का ड्राफ्ट तैयार करवाकर शहरी स्थानीय निकाय विभाग चंडीगढ़ भेजा गया है। यहां से जल्द ही यह ड्राफ्ट फाइनल होकर पब्लिशिंग के लिए चला जाएगा। ड्राफ्ट के पब्लिश होते ही गोहाना का डेवलेप प्लान भी स्वत: लागू हो जाएगा। डेवलप प्लान लागू होने से एक ओर तो अवैध निर्माण और अवैध कॉलोनियों पर शिकंजा कसा जाएगा, वहीं दीनदयाल आवास योजना सरीखी कई अन्य योजनाएं लागू हो जाएंगी।
क्षेत्र के विकास में अहम होगा मास्टर प्लान
क्षेत्र को सुनियोजित तरीके से विकसित करने के लिए जिला नगर योजनाकार विभाग द्वारा मास्टर प्लान तैयार किया जाता है। मास्टर प्लान के ड्राफ्ट में क्षेत्र का नक्शा होता है, जिसमें रिहायशी, कमर्शियल, इंडस्ट्रीयल, एग्रीकल्चर भूमि को चिन्हित किया जाता है। साथ ही क्षेत्र का कंट्रोल्ड एरिया भी निश्चित किया जाता है। कंट्रोल्ड एरिया में जमीन पर निर्माण से पूर्व जिला नगर योजनाकार विभाग की मंजूरी लेनी जरूरी होती है।
दूसरी बार तैयार हुआ मास्टर प्लान, पहला नहीं हुआ था अप्रूव
ऐसा नहीं है कि गोहाना के लिए पहली बार मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इससे पहले भी 2008 में गोहाना के लिए मास्टर प्लान 2021 तैयार किया गया था। ड्राफ्ट तैयार कर चंडीगढ़ भेजा गया था, लेकिन इस मास्टर प्लान को मंजूरी नहीं मिल पाई थी। इसके बाद अब मास्टर प्लान तैयार कर भेजा गया है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
सात गांव कंट्रोल्ड एरिया में, चार में इंडस्ट्रीयल एरिया
गोहाना के मास्टर प्लान के ड्राफ्ट के अनुसार 1982 की नोटिफिकेशन के अनुसार गोहाना की नगर पालिका की सीमा के साथ लगते क्षेत्र को कंट्रोल्ड एरिया में रखा ही गया है। इसके साथ ही दो अलग-अलग नोटिफिकेशन के जरिए कई अन्य गांवों को कंट्रोल्ड एरिया में रखा गया है। 2013 की नोटिफिकेशन के जरिए गामड़ी, खानपुर कलां, शामड़ी सिसान, कासंडी, कासंडा, कलेना, माच्छरी गांव को कंट्रोल्ड एरिया में शामिल किया। 2014 की नोटिफिकेशन के जरिए जौली, बिधल, लाठ और भैंसवाल में इंडस्ट्रीयल एरिया प्रस्तावित किया गया।
सभी उपमंडल में लागू है डेवलेप प्लान
सोनीपत जिले में गोहाना ही ऐसा क्षेत्र था जहां अब तक डेवलप प्लान लागू नहीं हो पाया था। इसके अलावा खरखौदा, गन्नौर और सोनीपत के लिए पहले से ही डेवलप प्लान लागू किया जा चुका है। सोनीपत के मास्टर प्लान में सोनीपत उपमंडल के साथ राई तहसील और कुंडली नगर परिषद को भी जोड़ा जाता है। जिले में अब तक सोनीपत व खरखौदा के दो तथा गन्नौर के तीन मास्टर प्लान लागू किए जा चुके हैं। कंट्रोल एरिया की बात करें तो गन्नौर में कुल 8, खरखौदा में 16 और सोनीपत में 37 एरिया को शामिल किया गया है।
डेवलेप प्लान के साथ मिल सकेंगें डीडीजेएवाई के प्रोजेक्ट
प्रदेश सरकार ने 2016 में दीनदयाल जन आवास योजना (डीडीजेएवाई) के तहत अफोर्डेबल प्लॉट्स की स्कीम शुरू की थी। जिसके तहत कोई भी व्यक्ति लाइसेंस लेकर सरकारी नियमों के अनुसार कॉलोनी विकसित कर सकता है। इस योजना के तहत गन्नौर, खरखौदा, राई, कुंडली व सोनीपत में कुल मिलाकर 43 लाइसेंस दिए जा चुके हैं। अभी तक सिर्फ गोहाना ही ऐसा क्षेत्र था, जहां पर डेवलप प्लान लागू ना होने के कारण इस योजना के तहत कॉलोनी विकसित नहीं की जा सकती थी।