Vinesh Phogat: हरियाणा में भी आज महर्षि वाल्मीकी जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है। जगह-जगह विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस खास दिन ही भाजपा ने शपथ ग्रहण समारोह रखा। नायब सैनी ने सीएम पद की शपथ ले ली है। उनके साथ 13 मंत्री भी पद की शपथ ले चुके हैं। इसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी विनेश फोगाट ने ऐसा ट्वीट कर दिया, जिसके चलते विरोधियों को उन पर निशाना साधने का मौका मिल गया।
जींद जिले की जुलाना विधानसभा सीट से जीत हासिल करने वाली कांग्रेस प्रत्याशी विनेश फोगाट ने दोपहर 2:47 बजे एक्स पर लिखा, 'महर्षि वाल्मीकि जयंती पर, हम उस महान संत को नमन करते हैं, जिन्होंने भगवान श्रीराम के जीवन को महाकाव्य रामायण में उकेरा और हमें सत्य, धर्म और कर्तव्य की राह दिखाई। महर्षि वाल्मीकि का जीवन और उनके उपदेश हमें सिखाते हैं कि किसी भी कठिन परिस्थिति में सत्य और न्याय का पालन करना ही सच्चा धर्म है।' उनके इस ट्वीट के बाद विरोधियों को उन पर हमला करने का मौका मिल गया।
विरोधियों ने विनेश फोगाट को घेरा
विनेश फोगाट की इस पोस्ट पर कई यूजर्स अपनी नाराजगी जताने लगे। कई यूजर्स का कहना है कि अगर आप सत्य की बात करते हैं, तो आपको कांग्रेस में नहीं होना चाहिए था। नील नामक यूजर्स ने लिखा कि काश आप भी वाल्मीकि जी से सत्य बोलने की सीख लेती। रोहित नामक यूजर्स ने लिखा कि आज आरती राव और श्रुति चौधरी की जगह आप शपथ ले रही होती, आप खेल मंत्री बनती, पता नहीं ऐसा क्या हुआ कि अब आप न खेलों में कुछ कर पाएंगी, न ही राजनीति में... बजरंग पुनिया का भी... कैरियर खत्म हो गया।
विनेश फोगाट के समर्थन में आए समर्थक
विनेश फोगाट पर विरोधियों ने हमला किया तो समर्थक भी इस जंग में कूद गए। विनेश का समर्थन करने वालों ने लिखा कि अगर ईवीएम ठीक होती, तो विनेश ही मंत्री पद की शपथ ले रही होती। खास बात है कि समर्थन करने वालों यूजर्स की संख्या कम है। हालांकि ज्यादातर यूजर्स ऐसे हैं, जो घेरने या समर्थन करने की बजाए महर्षि बाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं दे रहे हैं।
चुनाव नतीजों के बाद तीसरा ट्वीट
बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को आए थे। विनेश ने 9 अक्टूबर को ट्वीट कर मतदाताओं का आभार जताया था। इसके बाद 10 अक्टूबर को उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया था। इसके बाद उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। आज पंचकूला में शपथ ग्रहण समारोह था।
खास बात है कि शपथ ग्रहण समारोह के लिए दोपहर एक बजे का समय तय किया गया था। विनेश ने सुबह संदेश देने की बजाए शपथ ग्रहण समारोह संपन्न होने के बाद वाल्मीकि जयंती की बधाई का संदेश देकर सत्य का पाठ पढ़ाया, जिससे विरोधियों को उन पर हमला करने का मौका मिल गया।
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