सिरसा: रानियां विधानसभा क्षेत्र के 9 बूथों पर कांग्रेस प्रत्याशी के गड़बड़ी के आरोपों पर वीरवार को चुनाव कार्यालय ने ईवीएम व वीवीपैट का मिलान कार्य किया। मौके पर जिला निर्वाचन अधिकारी शांतनु शर्मा, चुनाव तहसीलदार, रानियां के विधायक अर्जुन चौटाला, कांग्रेस उम्मीदवार सर्वमित्र कंबोज मौजूद रहे। जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से आगामी 12 जनवरी तक ईवीएम व वीवीपैट के मिलान का शैड्यूल जारी किया गया था। मतगणना प्रक्रिया से असंतुष्ट कांग्रेस प्रत्याशी ने हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया।

कांग्रेस प्रत्याशी ने गड़बड़ी का लगाया था आरोप

उल्लेखनीय है कि रानियां विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी सर्वमित्र कंबोज ने चुनाव आयोग को 9 बूथों पर मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए पुन: मतगणना की मांग की थी। बता दें कि रानियां विधानसभा चुनाव में इनेलो उम्मीदवार अर्जुन चौटाला 43,914 वोट लेकर पहले नंबर पर रहे थे। अर्जुन चौटाला अब रानियां के विधायक हैं। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के उम्मीदवार सर्व मित्र थे। सर्व मित्र को 39,723 वोट मिले थे। इस मौके पर सर्व मित्र ने कहा कि ईवीएम से मॉक पोल दिखाया गया, जो सरासर गलत है। अगर उसको मॉक पोल ही दिखाना था तो पहले ही बता देते। उनका पैसा और समय बर्बाद नहीं होता।

मतगणना को लेकर उम्मीदवार ने उठाए सवाल

कांग्रेस प्रत्याशी सर्व मित्र ने कहा कि ईवीएम की चेकिंग और वेरिफिकेशन को लेकर उनकी कोई सुनवाई नहीं की गई। प्रशासन की तरफ से उन्हें गुमराह किया गया है, जिसकी शिकायत पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में करेंगे। सर्वमित्र ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी पालना नहीं की। रानियां विधायक अर्जुन चौटाला ने कांग्रेस पर जवाबी हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही दूसरों को गुमराह किया है। खुद अपनी गलती से चुनाव हारे हैं और दोष ईवीएम को देते हैं। कांग्रेस के नेता अब हार को पचा नहीं पा रहे हैं।

भूपेंद्र हुड्डा पर साधा अर्जुन चौटाला ने निशाना

रानियां विधायक अर्जुन चौटाला ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधते हुए कहा कि हुड्डा ने कांग्रेस को चुनाव हरवाया है और ठीकरा ईवीएम पर फोड़ रहे हैं। ईवीएम में चेकिंग से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। रानियां की जनता ने उनको ही वोट दिए हैं। चुनाव कानूनगो देवेंद्र कुमार ने बताया कि कांग्रेस उम्मीदवार सर्वमित्र की और से शिकायत दी गई थी, जिस पर ईवीएम की जांच की गई। चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों के अनुसार ईवीएम का पुराना डाटा डिलीट किया जाता है और उसके बाद वोट डलवाए जाते हैं। इसी के आधार पर ही जिला चुनाव विभाग ने प्रोसेस को शुरू किया, लेकिन उम्मीदवार सर्व मित्र ने इस प्रक्रिया को लेकर असहमति जताई।