सोनीपत: जिला पार्षदों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध का नया तरीका अपनाया। जिला पार्षदों ने पहले तो जिला पार्षद कार्यालय के सामने पकोड़े तले। फिर इन पकोड़ों को एक रुपए में भरपेट के हिसाब से बेचना शुरू कर दिया। जिला पार्षदों (District Councillors) ने बताया कि वे पार्षदों की मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं, लेकिन जिला प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा। ऐसे में जिला पार्षदों ने पकोड़े तलते हुए अपना विरोध प्रकट किया है।

विकास के मिल रही मामूली ग्रांट

जिला पार्षद संजय बड़वासनिया ने कहा कि जिला पार्षदों के पास गांव के विकास के लिए ग्रांट ऊंट के मुंह में जीरे के समान आती है। पांच साल जिला पार्षद हाथ पर हाथ धर कर बैठे रहते हैं। जब गांव के विकास के लिए जिला परिषद और ब्लॉक समिति सदस्यों की जरूरत नहीं है तो क्यों बनाए गए हैं। जिला परिषद और ब्लॉक समिति को या तो भंग किया जाए या फिर इन्हें ताकत दी जाए, ताकि पंचायती राज को मजबूत किया जाए। आज पंचायती राज में जिला परिषद सफेद हाथी की तरह है, जो गांव के विकास के लिए कुछ नहीं कर पा रहे।

जिला पार्षद एक रुपया भी नहीं कर सकते खर्च

जिला पार्षद संजय ने बताया कि जिला परिषद सदस्यों की हालत ऐसी है कि वह अपने स्तर पर एक रुपया भी खर्च नहीं कर सकता। गांव के विकास के लिए उन्हें जिला परिषद की बैठक का इंतजार करना पड़ता है। कई-कई महीने तक फंड नहीं आता, उसके बाद अधिकारी भी ठीक ढंग से कार्य नहीं करते, जबकि नगर परिषद पार्षद कम वोटो से बनकर आती है। लेकिन ज्यादा बजट इस्तेमाल करती है। पार्षदों ने कहा कि जब तक उनकी मांगों का समाधान नहीं होगा, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।