यमुनानगर: सर्दी का मौसम शुरु होते ही सात समुंदर पार कर हरियाणा की सीमा पर स्थित हथनीकुंड बैराज पर विदेशी पक्षियों की चहचहाट गूंजने लगी है, जिससे वातावरण मनमोहक बनने लगा है। विदेशी पक्षियों में चीन, साइबेरिया व दक्षिणी यूरोप समेत अन्य ठंडे देशों के पक्षी शामिल हैं। इन देशों में इन दिनों अधिक ठंड होती है। ठंड से बचने के लिए यह पक्षी मैदानी इलाकों की झीलों में अपने दिन गुजारते हैं।
विदेशी पक्षियों की चहल कदमी से वातावरण खुशनुमा
हथनीकुंड बैराज समेत ताजेवाला व अराइयांवाला के नजदीक पिछले कई दिन से विदेशी पक्षियों के झुंड दिखाई देने लगे हैं। बैराज पर विदेशी पक्षियों की चहल कदमी और चहचहाट से नेशनल पार्क की शाल वैली का वातावरण मंत्रमुग्ध कर देने वाला बन गया है। वहीं, दुर्लभ पक्षियों को देखने के लिए आसपास के क्षेत्र समेत साथ लगते राज्यों हिमाचल, यूपी और उत्तराखंड के लोग भी पहुंचने लगे हैं। क्षेत्रवासियों ने बताया कि वह हर वर्ष पक्षियों को देखने के लिए आते हैं। आस पास के क्षेत्र के लोगों का सौभाग्य है कि हर वर्ष उनके क्षेत्र में विदेशों से दुर्लभ प्रजाति के पक्षी पहुंचते हैं, जिनके उन्हें आसानी से दर्शन हो जाते हैं।
पक्षियों की इन प्रजातियों ने दी दस्तक
हथनीकुंड बैराज पर पहुंचने वाले पक्षियों में कामनक्रेन, किंगफिशर, पैटेंड, वुडसैंड, पाइपर, ग्रेलेगगूज, घनेर, साइबेरियन सारस, धोबिन चिड़िया, मुर्गाबी व पिनटेल आदि शामिल हैं। इन पक्षियों को इन दिनों बैराज पर पानी में अठखेलियां करते देखा जा सकता है। इन पक्षियों की अठखेलियां लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। जीव जंतु वन्य प्राणी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ये पक्षी अधिक ठंडे देशों से ठंड से बचने के लिए नवंबर व दिसंबर माह में गर्म देशों में आते हैं। सर्दी के कम होते ही मार्च अप्रैल तक वापस अपने देशों में अपने स्थान पर लौट जाते हैं।