Indore News: महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव का प्रचार प्रसार चरम पर है। इस बीच इंदौर के रिटायर्ड प्रोफेसर ने अनोखी घोषणा कर दी। डॉ. पीएन मिश्रा ने कहा, चुनाव परिणाम की सटीक भविष्यवाणी करने वाले को वह 1 करोड़ देंगे। ईनाम की घोषणा के बाद डॉ. पीएन मिश्रा सुर्खियों में हैं। 

डॉ. पीएन मिश्रा देवी अहिल्याबाई होलकर विवि में प्रोफेसर रहे हैं। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा-किसी तांत्रिक, मंतरवादी, दरबार लगाने वाले, पर्ची निकालने वाले और खुद को सिद्ध बताने वाले को वह 1 करोड़ का पुरस्कार मिलेगा, यदि महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव परिणामों की सही भविष्यवाणी कर दें। 

डॉ. पीएन मिश्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्यवाणी मतगणना से पहले करनी होगी और स्पष्ट तौर पर बताना होगा कि किस दल को कितनी सीटें मिलने वाली हैं। 

भविष्यवाणी का तरीका और पुरस्कार 

  • डॉ. मिश्रा ने कहा, भविष्यवाणी करने वाले को अपने आंकड़े सोशल मीडिया अथवा किसी अन्य सार्वजनिक मंच पर साझा करने होंगे। इसके अलावा उन्हें मेल आईडी winonecrore@gmail.com पर भी यह जानकारी भेजनी होगी। फोन नंबर भी उन्हें साझा करना होगा। 
  • डॉ. मिश्रा ने कहा, आंकड़े होने पर भविष्यवाणी करने वाले को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी होगी। साथ ही सुनिश्चित करना होगा कि आगे से वह इस तरह का पाखंड और ढोंग नहीं करेंगे 

पाखंड और अंधविश्वास की जड़ें गहरी 

  • डॉ. पीएन मिश्रा ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट पर बताया कि पाखंड और अंधविश्वास की जड़ें बहुत गहरी हो चुकी हैं। समाज को इस अंधविश्वास से मुक्त करना है। इसके लिए लोगों से अपील की है कि कर्म और ईश्वरीय व्यवस्था पर विश्वास करें, न कि किसी तांत्रिक-मांत्रिक और भविष्य बताने वाले पर। 
  • डॉ. पीएन मिश्रा ने कहा, कोई सिद्ध पुरुष कभी दुकान, मजमा और दरबार नहीं लगाता, वह बहुत गुप्त तरीके से अपना काम करता है। 

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कौन हैं डॉ पीएन मिश्रा? 

  • डॉ. पीएन मिश्रा का पूरा नाम प्रभु नारायण मिश्रा है। इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में उन्होंने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज की नींव रखी है। डॉ मिश्रा ने यहां कई नए पाठ्यक्रम शुरू कराए हैं। 
  • डॉ मिश्रा ने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। पूर्व सीडीएस जनरल विपिन रावत ने उनके मार्गदशन में ही एमफिल किया था। 
  • डॉ मिश्रा ने कॉर्पोरेट अस्पताल प्रशासन के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है। दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास केंद्र की स्थापना कर उन्होंने 52 छात्रों को पीएचडी कराई।